UP के रायबरेली में घंटों इंतजार के बाद भी नहीं आई 102 एंबुलेंस, ई-रिक्शा से CHC पहुंची गर्भवती
रायबरेली में चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था घंटों इंतजार के बाद भी नहीं पहुंची 102 एंबुलेंस मजबूरी में परिवारीजन गर्भवती को लेकर ई-रिक्शा से सात किमी दूरी का सफर तय कर पहुंचे सीएचसी। विभागीय अधिकारियों ने साधी चुप्पी ई-रिक्शा में बैठकर गर्भवती की हालत बिगड़ी।
रायबरेली, जेएनएन। स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस के न आने के कारण एक गर्भवती की जान खतरे में आ गई। मजबूरी में परिवारीजनों को उसे ई-रिक्शा में बैठाकर सात किमी दूर सीएचसी तक लाना पड़ा। इसे लेकर तीमारदारों में सरकारी व्यवस्था के खिलाफ नाराजगी दिखाई दी।
ई-रिक्शा में बैठकर गर्भवती की हालत और बिगड़ी: मामला सलोन थानाक्षेत्र का है। यहां के गुनू का पुरवा निवासी निशा देवी के मंगलवार की सुबह प्रसव पीड़ा शुरू हुई। इस पर परिवारीजनों ने 102 नंबर डायल कर एंबुलेंस मंगानी चाही। घंटों लोग एंबुलेंस का इंतजार करते रहे। कई बार 102 नंबर पर फोन भी किया गया, लेकिन कोई उचित जवाब नहीं मिला और न ही एंबुलेंस आई। उधर, गर्भवती की हालत और भी बिगड़ती जा रही थी। सरकारी सहायता की उम्मीद न दिखी तो घर वालों ने एक ई-रिक्शा बुलाया। उसी से सात किमी दूर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। वहां डॉक्टरों ने उसे भर्ती किया। हालांकि सीएचसी अधीक्षक डॉ. पीके बैसवार ने मामले की जानकारी से इन्कार किया है।
इससे पहले टेंपो से सीएचसी पहुंची थी गर्भवती: मालूम हो कि इससे पहले भी इसी तरह का मामला सामने आ चुका है। गत दिनों प्रसव पीड़िता को परिवारीजन टेंपो से लेकर सीएचसी पहुंचे थे। लगातार इस तरह के मामले सामने आने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे। ऐसे में पीड़ित महिलाओं को सरकार की चिकित्सा सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वहीं, सीएमओ समेत अन्य अधिकारी इस तरह के गंभीर प्रकरणों में चुप्पी साधे हैं। इस कारण क्षेत्र के लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।