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प्रयागराज कुंभ से उत्तर प्रदेश सरकार को मिलेंगे 1200 अरब रुपये

सरकार ने कुंभ मेले के लिए 4,200 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं जो वर्ष 2013 में आयोजित महाकुंभ के बजट का तीन गुना है। कुंभ मेले में करीब 15 करोड़ लोगों के आने की संभावना है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 12:35 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 12:37 PM (IST)
प्रयागराज कुंभ से उत्तर प्रदेश सरकार को मिलेंगे 1200 अरब रुपये
प्रयागराज कुंभ से उत्तर प्रदेश सरकार को मिलेंगे 1200 अरब रुपये

लखनऊ, जेएनएन। प्रयागराज कुंभ आस्था और अध्यात्म का समागम के साथ आर्थिक गतिविधियों का एक शक्तिशाली इंजन भी बनकर उभरा है। प्रयागराज कुंभ से उत्तर प्रदेश सरकार को 1200 अरब रुपये का राजस्व मिलने की उम्मीद है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) ने यह अनुमान लगाया है। कुंभ मेला 15 जनवरी से चार मार्च तक आयोजित होगा।

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सीआइआइ की एक रिपोर्ट के मुताबिक 50 दिनों तक चलने वाले कुंभ मेले के आयोजन से जुड़े कार्यों में छह लाख से ज्यादा कामगारों के लिए रोजगार पैदा हो रहा है। कुंभ मेला क्षेत्र में आतिथ्य क्षेत्र में तकरीबन ढाई लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। वहीं एयरलाइंस और हवाई अड्डों पर करीब डेढ़ लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। लगभग 45,000 टूर ऑपरेटरों को भी रोजगार मिलेगा। इसके अलावा ईको टूरिज्म और मेडिकल टूरिज्म क्षेत्रों में भी लगभग 85,000 रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

यहां पर टूर गाइड, टैक्सी चालक, द्विभाषिए और स्वयंसेवकों के तौर पर रोजगार के 55 हजार नए अवसर भी पैदा होंगे। इससे सरकारी एजेंसियों और निजी कारोबारियों की आय में वृद्धि होगी।

सरकार ने कुंभ मेले के लिए 4,200 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं जो वर्ष 2013 में आयोजित महाकुंभ के बजट का तीन गुना है। कुंभ मेले में करीब 15 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। आस्था के इस आयोजन में विदेशी पर्यटकों की बड़ी संख्या में आमद होती है। सीआइआइ का अनुमान है कि कुंभ मेले से राजस्थान, उत्तराखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश को भी फायदा होगा। इसकी वजह यह है कि कुंभ में शामिल होने वाले पर्यटक इन राज्यों के पर्यटन स्थलों पर भी जा सकते हैं।

पहले से बड़ा मेला

इस बार कुंभ मेला परिक्षेत्र 3200 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला है। पिछली बार यह 12 सौ हेक्टेयर क्षेत्रफल में था। यहां इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी सुविधाओं पर भी फोकस किया गया है। फ्लाईओवर, सड़कों का चौड़ीकरण, आरओबी, नौ रेलवे स्टेशनों पर सुविधाओं की बेहतरी पर काम किया गया है। मेला क्षेत्र में ही 250 किमी चकर्ड प्लेट वाली सड़कें बिछाई गई हैं, साथ ही 22 पांटून पुल बनाए गए हैं।

बमरौली एयरपोर्ट पर नया सिविल इनक्लेव बनाया गया है। यहां से कई शहरों के लिए फ्लाइट भी शुरू हो गई है। सीआइआइ का अनुमान है कि राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब व मप्र को भी इससे फायदा होगा, क्योंकि मेले में आए श्रद्धालु इन राज्यों में भी जाएंगे। साथ ही अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कनाडा, मलेशिया, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, मारीशस, जिम्बाबवे और श्रीलंका समेत अन्य देशों से भी श्रद्धालु-पर्यटक आ रहे हैं।

विश्व भर में है मान

कुंभ को यूनेस्को ने मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर माना है। दुनिया भर में इस आयोजन की ब्रांडिंग की गई है। प्रधानमंत्री से लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी और उनकी सरकार के अन्य मंत्री विभिन्न मंचों से कुंभ का बखान कर चुके हैं। आयोजन के सफल संचालन के लिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण बनाया गया है। प्राधिकरण से जुड़े अफसरों का मानना है कि करीब 12 करोड़ श्रद्धालु 50 दिनी इस आयोजन के पांच स्नान पर्वों तक संगम और गंगा पर बनाए गए घाटों पर डुबकी लगाएंगे। पहले स्नान पर्व मकर संक्रांति पर ही 2.25 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का दावा किया गया है।  


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