जमीन ना मिली तो बिजली संकट झेलेगी पांच लाख आबादी, ओवर लोडिंग से कराह रहे बिजली घर
लखनऊ में ओवर लोडिंग की समस्या की वजह से बढ़ी बिजली खपत विकास नगर उपकेंद्र लोडेड नए उपकेंद्र की जरूरत।
लखनऊ, जेएनएन। एलडीए ने चंद दशक पहले गोमती नगर को बसाया था, उसके हिसाब से बिजली घर भी बनवाए थे, लेकिन आवासीय घरों में व्यावसायिक गतिविधियों कई गुना बढ़ जाने से बिजली की डिमांड कई गुना बढ़ गई। इससे विश्वास खंड, विभूति और विशेष खंड के बिजली घर की इतनी क्षमता नहीं बची कि अगर बड़ा कनेक्शन देना पड़ जाए तो दे सके? यही हाल विकास नगर बिजली घर का है। अब यह भी ओवर लोडिंग से कराह रहा है।अगर वर्ष 2021 की गर्मी से पहले नए बिजली घर नहीं बने तो इन चार बिजली घरों से पोषित पांच लाख से अधिक उपभोक्ता परेशान निश्चित होंगे।
अभियंताओं का तर्क है कि उपभोक्ताओं के यहां कूलरों का स्थान एसी ने ले लिया है, जिनके यहां एक एसी था, वहां दो से तीन हो गए हैं। उसके हिसाब से इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने की जरूरत है, जो नहीं हो पा रहा है। गाेमती नगर के तीनों बिजली घरों में पॉवर ट्रासंफार्मर लगाकर क्षमता बढ़ाई जा चुकी है। अब जरूरत है नए बिजली घर की, जिससे उपभोक्ताओं के बिजली कनेक्शन को दूसरे बिजली घर पर स्थानांतरित किया जा सके। यही हाल विकास नगर बिजली घर का भी है। अब बिजली महकमा एलडीस व आवास विकास से जमीन मांग रहा है जो मिल नहीं रही है।
कनेक्शन से ज्यादा लोड बढ़वाने के आवेदन
अभियंता स्वीकारते हैं कि अब कनेक्शन के लिए नहीं, उपभोक्ता लोड बढ़वाने के लिए ज्यादा आते हैं। जरूरत है नए बिजली घर की।तीनों बिजली घर पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं।
अधीक्षण ट्रांस गोमती, निर्माण अभियंता, सतीश सिंह ने बताया कि एलडीए व विकास नगर से बिजली घर के लिए जमीन मांगी जा चुकी है। जल्द मंडलायुक्त से मिलकर पूरी स्थिति से अवगत कराने का प्रयास करुंगा। उम्मीद है कुछ रास्ता निकलेगा।