अब मां का दूध 'पाउडर' में भी पी सकेंगे बच्चे, तीस दिनों तक रहेगा सुरक्षित
केजीएमयू के सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च ने तैयार किया मां के दूध का विकल्प। इस पाउडर को 30 दिन तक कर सकते हैं प्रयोग।
लखनऊ, (आशीष त्रिवेदी)। मां के दूध को बच्चों के लिए अमृत माना जाता है। इसमें इम्यूनोग्लोब्यूलिन्सजैसा तत्व होता है जो बच्चे के गले व आहार नली को इंफेक्शन से बचाता है और उसे मजबूत करता है। गाय और भैंस के दूध में यह नहीं होता। ऐसे में कोई दूसरा दूध मां के दूध का विकल्प नहीं हो सकता। प्री मेच्योर बेबी में इतनी ताकत नहीं होती कि वह मां का दूध पी सकें। इसके अलावा कुछ मां ऐसी होती हैं उनके दूध नहीं होता। ऐसे में मां के दूध से बने पाउडर को इन बच्चों को पिलाया जाएगा। केजीएमयू के सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज के मॉलीकुलर बॉयोलॉजी डिपार्टमेंट की टीम मां के दूध का विकल्प तैयार इसे पेटेंट करवाने जा रही है।
एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीतू सिंह ने बताया कि नॉन पाश्चराइज्ड हृयूमन ब्रेस्ट मिल्क पाउडर बैकिंग प्रोजेक्ट सफल साबित हुआ है। इसमें मां के दूध को स्ट्रेलाइज्ड (विसंक्रमित) ट्यूब में रखा जाता है। इसके बाद लिक्विड मिल्क में जो नमी होती है उसे जीरो कर देते हैं। पहले इसे बिना वैक्यूम के माइनस 20 डिग्री सेल्सियस और फिर माइनस 80 डिग्री सेल्सियस पर रखा जाता है। फिर माइनस 52 डिग्री सेल्सियस तापमान पर वैक्यूम के साथ लाइफलाइजर मशीन में रखकर इसे पाउडर में तब्दील कर लिया जाता है। करीब 12 घंटे की प्रक्रिया में 20 एमएल मां के दूध को 2.75 ग्राम व 40 एमएल दूध में पांच ग्राम दूध तैयार किया गया। इस दूध को पाश्चुराइज्ड न करने के कारण इसमें पूरी पौष्टिकता बनी रहती है। इस पाउडर को बनाने वाली टीम में मार्गदर्शक के रूप में पूर्व कुलपति प्रो. डीके गुप्ता व केजीएमयू की डीन मेडिसिन प्रो. विनीता दास भी शामिल रहीं।
दूध पाउडर में भी वही पौष्टिकता
मां के दूध से तैयार हुए पाउडर में भी वही पौष्टिकता रहती है। इस दूध में फैट 1.1 प्रतिशत, प्रोटीन 2.1 प्रतिशत और कार्बोहाइड्रेट 6.4 प्रतिशत होता है। इसी दूध को जब पाउडर में तब्दील कर दिया जाता है तो फैट 1.1 प्रतिशत, प्रोटीन 2.1 प्रतिशत और कार्बोहाइड्रेट 4.9 प्रतिशत पाया गया। नॉन पाश्चराइज्ड दूध के मुकाबले पाश्चराइज्ड दूध में विटामिन ए 35 प्रतिशत कम, विटामिन सी 25 प्रतिशत से 77 प्रतिशत , विटामिन ई 14 प्रतिशत , आयरन 66 प्रतिशत , जिंक 70 प्रतिशत , विटामिन बी कॉम्प्लेक्स 38 प्रतिशत , कैल्शियम 21 प्रतिशत, एंजाइम और वे प्रोटीन 100 प्रतिशत तक कम हो जाती है इसलिए इसे पाश्चुराइज्ड नहीं किया जाता।