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यूपी में अगले हफ्ते से सूर्यास्त के बाद भी होगा पोस्टमार्टम, अंग्रेजों के जमाने से चल रहा कानून होगा खत्‍म

अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि एक-दो दिन में इसे लेकर आदेश जारी करने की तैयारी की जा रही है। पोस्टमार्टम हाउस की स्थिति का आंकलन किया जा रहा है। इसके लिए जरूरी मानव संसाधन जुटाया जाएगा।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 19 Nov 2021 08:12 AM (IST)Updated: Fri, 19 Nov 2021 06:05 PM (IST)
यूपी में अगले हफ्ते से सूर्यास्त के बाद भी होगा पोस्टमार्टम, अंग्रेजों के जमाने से चल रहा कानून होगा खत्‍म
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग एक-दो दिन में जारी करेगा आदेश।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। केंद्र सरकार द्वारा सूर्यास्त के बाद पोस्टमार्टम किए जाने के आदेश को जल्द यूपी में अमली जामा पहनाया जाएगा। दिन में ही पोस्टमार्टम किए जाने के अंग्रेजों के जमाने के बनाए गए कानून को बीती 15 नवंबर को समाप्त कर दिया गया था। फिलहाल प्रदेश में पोस्टमार्टम हाउस की स्थिति का आंकलन किया जा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि एक-दो दिन में आदेश जारी कर दिया जाएगा।

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अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि एक-दो दिन में इसे लेकर आदेश जारी करने की तैयारी की जा रही है। पोस्टमार्टम हाउस की स्थिति का आंकलन किया जा रहा है। इसके लिए जरूरी मानव संसाधन जुटाया जाएगा। फिलहाल अब आगे पोस्टमार्टम के लिए मृतक के परिजन और रिश्तेदारों को बेवजह इंतजार नहीं करना होगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डा. वेदब्रत ने बताया कि अभी कुछ मामलों में डीएम की अनुमति लेकर रात में पोस्टमार्टम किया जाता है। आगे बिना अनुमति मृतक का पोस्टमार्टम सूर्यास्त के बाद किया जा सकेगा।

गौरतलब है क‍ि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोमवार को बताया था कि अंग्रेजों के समय की व्यवस्था खत्म कर दी गई है। नए प्रोटोकॉल के अनुसार अंगदान के लिए पोस्टमार्टम प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए और सूर्यास्त के बाद भी उन अस्पतालों में किया जाना चाहिए, जिनके पास नियमित आधार पर इस तरह के पोस्टमॉर्टम करने के लिए बुनियादी सुव‍िधा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार किसी भी संदेह को दूर करने और कानूनी मकसद के लिए रात में सभी पोस्टमॉर्टम के लिए पोस्टमॉर्टम की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। हालांकि इसमें हत्या, आत्महत्या, बलात्कार, सड़ चुके शव और संदिग्ध मामलों में पोस्टमॉर्टम नहीं किया जाएगा। इसका उद्देश्य पर्याप्त बुनियादी ढांचा उपलब्ध होने पर भी सूर्यास्त के बाद भी अंगदान के लिए पोस्टमॉर्टम पर जोर देना है।


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