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Air pollution in UP: सटीक जानकारी नहीं दे पा रहा पीसीबी, 17 प्रदूषित शहरों में लगे हैं 24 मॉनीटरि‍ंग स्टेशन

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के अनुसार पांच लाख की आबादी में एक पांच से 10 लाख की आबादी में तीन 10 से 50 लाख की आबादी में पांच व 50 लाख से अधिक की आबादी में 12 कंटीन्यूअस एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनीटरि‍ंग स्टेशन होने चाहिए।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 09 Dec 2020 09:02 PM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 09:02 PM (IST)
Air pollution in UP: सटीक जानकारी नहीं दे पा रहा पीसीबी, 17 प्रदूषित शहरों में लगे हैं 24 मॉनीटरि‍ंग स्टेशन
शहरों में मानकों से कम लगे हैं मॉनीटरि‍ंग स्टेशन, 54 का है मानक।

लखनऊ, जेएनएन। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड प्रदेश के कई शहरों के वायु प्रदूषण की सटीक जानकारी नहीं दे पा रहा है। इसका कारण प्रदेश के कई शहरों में मानकों के अनुरूप मॉनीटरि‍ंग स्टेशनों का न होना है। कई शहरों में तो केवल एक ही मॉनीटरि‍ंग स्टेशन है और वह भी वाणिज्य क्षेत्र में लगा है। ऐसे में पूरे शहर की वायु गुणवत्ता का सही आकलन नहीं हो पाता है। अति प्रदूषित 17 शहरों में अभी 24 मॉनीटरि‍ंग स्टेशन लगे हैं, जबकि मानकों के अनुरूप यहां 54 स्टेशन होने चाहिए। बोर्ड ने 18 नए मॉनीटरि‍ंग स्टेशन लगाने का प्रस्ताव भेजा है। इनके शुरू होने से वायु गुणवत्ता का सटीक डेटा मिलने की उम्मीद है। एक स्टेशन बनाने में करीब डेढ़ करोड़ रुपये खर्च आता है। 

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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के अनुसार पांच लाख की आबादी में एक, पांच से 10 लाख की आबादी में तीन, 10 से 50 लाख की आबादी में पांच व 50 लाख से अधिक की आबादी में 12 कंटीन्यूअस एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनीटरि‍ंग स्टेशन होने चाहिए। आबादी के अनुसार जहां एक मॉनीटरि‍ंग स्टेशन लगाने का मानक है, वहां यह आवासीय क्षेत्र में ही लगा होना चाहिए। जहां तीन मॉनीटरि‍ंग स्टेशन लगाने के मानक हैं, उनमें एक आवासीय, दूसरा अधिक ट्रैफिक वाले क्षेत्र व तीसरा वाणिज्य क्षेत्र में लगा होना चाहिए।

बोर्ड के इन मानकों को प्रदेश में लागू नहीं किया जा रहा है। कानपुर, वाराणसी व आगरा जैसे बड़े शहरों में भी केवल एक-एक मॉनीटरि‍ंग स्टेशन हैं। मानकों के अनुसार यहां पांच स्टेशन होने चाहिए। प्रयागराज में एक भी मॉनीटरि‍ंग स्टेशन नहीं हैं। मुरादाबाद में भी केवल एक स्टेशन काम कर रहा है। फीरोजाबाद व गोरखपुर में तो एक भी कंटीन्यूअस एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनीटरि‍ंग स्टेशन नहीं हैं। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव आशीष तिवारी ने बताया कि 17 प्रदूषित शहरों में 24 मॉनीटरि‍ंग स्टेशन ही लगे हैं। इनमें 18 नए मॉनीटरि‍ंग स्टेशन लगाने का प्रस्ताव भेजा गया है। जहां तक मानकों की बात है तो इन शहरों में 15 और मॉनीटरि‍ंग स्टेशनों की जरूरत है।

प्रमुख शहरों में मॉनीटरि‍ंग स्टेशनों की स्थिति

शहर-मानक-वर्तमान-प्रस्तावित

लखनऊ-05-04-02

कानपुर-05-01-02

वाराणसी-05-01-03

आगरा-05-01-05

मुरादाबाद-03-01-00

नोएडा-ग्रेटर नोएडा-05-05-00

हापुड़-01-01-00

मुजफ्फरनगर-01-01-00

बुलंदशहर-01-01-00

बागपत-01-01-00

फीरोजाबाद-03-00-01

मथुरा-01-00-01

गोरखपुर-03-00-03

प्रयागराज-05-00-03

इंडस्ट्री में लगे मॉनीटरि‍ंग स्टेशनों का भी होगा इस्तेमाल

उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड 12 शहरों के उद्योगों में लगे 50 मॉनीटरि‍ंग स्टेशन का इस्तेमाल भी वायु गुणवत्ता की जांच के लिए करेगा। सबसे अधिक 21 मॉनीटरि‍ंग स्टेशन अकेले सोनभद्र के उद्योगों में लगे हैं। इसके अलावा कानपुर में तीन, गजरौला में दो, झांसी में दो, ललितपुर में चार, मथुरा में एक, प्रयागराज में पांच, अमेठी में दो, रायबरेली में तीन, शाहजहांपुर में चार, मीरजापुर में दो व अंबेडकरनगर में एक स्टेशन लगा है। इन्हें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सर्वर जोड़ा जा रहा है, ताकि इनके डेटा का इस्तेमाल हो सके।  


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