कांग्रेस और रालोद में नजदीकियांः राजस्थान में तालमेल, मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में समर्थन
गत विधानसभा चुनाव में बिखरा कांग्रेस-रालोद गठबंधन फिर से साकार होने की आस जगी है। राजस्थान समेत पांच राज्यों में हो रहे चुनावों में दोनों दल साथ रहेंगे।
लखनऊ (जेएनएन)। गत विधानसभा चुनाव में बिखरा कांग्रेस व रालोद का गठबंधन फिर से साकार होने की आस जगी है। राजस्थान समेत पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों में दोनों दल साथ रहेंगे। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कांग्रेस को राष्ट्रीय लोकदल समर्थन देगा, जबकि राजस्थान में सीट बंटवारा होना तय माना जा रहा है।राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस बड़ा दिल दिखाते हुए रालोद के पक्ष में जाट बहुल क्षेत्रों में चार से छह सीटें छोड़ सकती है। रालोद व कांग्रेस गठबंधन का सीधा नुकसान भाजपा को होगा।
कांग्रेस-सपा में दोस्ती से हाशिए पर था रालोद
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में वर्ष 2014 का लोकसभा और वर्ष 2012 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस रालोद ने मिलकर लड़ा था लेकिन, वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और सपा में दोस्ती हो जाने से रालोद हाशिए पर पहुंच गया था। यह दोस्ती बिखरने का नुकसान दोनों दलों को हुआ। राजस्थान समेत पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के बाद रालोद-कांग्रेस के बीच दोस्ती वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी जारी रहने की उम्मीद जतायी जा रही है। कांग्रेस और रालोद के नजदीक आने से सपा व बसपा द्वारा बनाया जा रहा दबाव कमजोर होगा। रालोद प्र्रवक्ता अनिल दुबे का दावा है कि कांग्रेस और रालोद स्वाभाविक मित्र है और जनता भी यही चाहती है।
भाजपा अलगाव की राजनीति छोड़े : मसूद
राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने केंद्र व प्रदेश सरकारों पर नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि चुनावी वादे पूरे नहीं कर सकी भाजपा अलगाववाद को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हठधर्मिता छोड़कर नौनिहालों की शिक्षा व्यवस्था व स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होने का परिचय दें। केवल हिंदू-मुसलमान मंदिर-मस्जिद व शमशान-कब्रिस्तान का शोर मचाकर विकास की किनारे न करें। अयोध्या में लाखों दीप जलाने के साथ मुख्यमंत्री प्रदेश को विकास की राह पर आगे बढ़ाएं।