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पोलियो टीकाकरण फिर शुरू, 15 अप्रैल तक उप्र के 3.4 करोड़ बच्चों को पिलाई जाएगी खुराक

पिछले साल पोलियो वैक्सीन में ही पोलियो का वायरस मिलने से मचे हड़कंप के बाद अब इस साल स्वास्थ्य विभाग ने जांच व सतर्कता के सभी पैमाने अपनाते हुए फिर से पोलियो टीकाकरण शुरू किया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 08 Apr 2019 07:50 PM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 08:39 AM (IST)
पोलियो टीकाकरण फिर शुरू, 15 अप्रैल तक उप्र के 3.4 करोड़ बच्चों को पिलाई जाएगी खुराक

लखनऊ, जेएनएन। पोलियो जैसी खतरनाक बीमारी से बचाने वाले वैक्सीन में ही पिछले साल पोलियो का वायरस पाए जाने से मचे हड़कंप के बाद अब इस साल स्वास्थ्य विभाग ने जांच और सतर्कता के सभी पैमाने अपनाते हुए फिर से पोलियो टीकाकरण शुरू किया है। प्रदेश के सभी जिलों में 15 अप्रैल तक इस अभियान के तहत 3.40 करोड़ बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाई जानी है।

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प्रदेश में पोलियो का आखिरी मामला नौ साल पहले 21 अप्रैल, 2010 को फिरोजाबाद जिले में पाया गया था। इसके बाद वर्ष 2014 में पोलियो का पी-2 वायरस समाप्त मान लिया गया। इधर पिछले कुछ वर्षों से पोलियो के पी-1 और पी-3 वायरस के लिए ही बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाई जा रही है। पिछले साल पोलियो की इसी वैक्सीन में पी-2 वायरस पाए जाने के बाद पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए थे। प्रदेश में हजारों बच्चों को वायरस वाली ड्रॉप पिला भी दी गई थी। बाद में वायरस की जानकारी होने के बाद बच्चों को एंटीडोट देकर बचाया गया। राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ.एपी चतुर्वेदी ने बताया कि इस बार के टीकाकरण में खास सतर्कता बरती जा रही है और प्रदेश के सभी जिलों से आ रही सूचनाओं व रिपोर्ट की गहन जांच की जा रही है।

24.36 लाख घुमंतू परिवार चिह्नित

पोलियो टीकाकरण के लिए प्रदेश के घुमंतू आबादी वाले 60,072 क्षेत्रों में 24.36 लाख परिवारों को चिह्नित किया गया है। इसमें 90513 घुमंतू परिवार, 64,256 निर्माणाधीन स्थलों में रहने वाले परिवार, 5,65,763 स्थाई रूप से मलिन बस्तियों में रहने वाले परिवार, 51,528 अस्थाई रूप से मलिन बस्तियों में रहने वाले परिवार, 1,87,889 ईंट-भट्ठों में रहने वाले परिवार और 14.76 लाख परिवार ऐसे ही अन्य अवांछित जगहों में रहते हैैं।

पड़ोसी देशों से खतरा

देश और प्रदेश में भले ही पोलियो नियंत्रित हो लेकिन पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों में पोलियो के मरीज लगातार पाए जा रहे हैैं। इन देशों से प्रदेश में भी पोलियो का खतरा बना हुआ है। इसके लिए जहां नेपाल सीमा पर साल भर सक्रिय रहने वाले 30 टीकाकरण पोस्ट स्थापित किए गए हैैं, वहीं अफगानिस्तान, नाइजीरिया, पाकिस्तान, सोमालिया, केन्या, सीरिया, इथोपिया और कैमरून सहित ऐसे अन्य देशों से प्रदेश के किसी भी जिले में जाने वाले यात्रियों को भी पोलियो से बचाव की खुराक दी जा रही है।

ऐसे चलेगा अभियान

अभियान के पहले दिन सात अप्रैल को प्रदेश के 1.1 लाख बूथों पर पोलियो ड्रॉप पिलाई गई। अब 15 अप्रैल तक 66 हजार टीमें और 22 हजार पर्यवेक्षक घरों में जाकर पांच साल तक के बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाएंगे। इसके अलावा करीब 6500 ट्रांजिट टीमें और 1700 मोबाइल टीमें भी बस-टेंपो स्टैैंड, रेलवे स्टेशन और ईंट-भट्ठों के साथ अन्य दूरदराज जगहों पर मौजूद रहेंगी।


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