88 Foundation Day of Queen Merry Hospital: कोरोना काल में विशेष योगदान के लिए डॉक्टरों के साथ पुलिसकर्मियों का भी हुआ सम्मान
क्वीन मेरी चिकित्सालय का 88वां स्थापना दिवस समारोह शनिवार को मनाया गया। इस दौरान कोरोना काल में विशेष योगदान और गर्भवतियों के इलाज एवं ऑपरेशन में विशेष सहयोग करने के लिए डॉक्टरों और कर्मचारियों को सम्मानित भी किया गया।
लखनऊ, जेएनएन। क्वीन मेरी चिकित्सालय का 88वां स्थापना दिवस समारोह शनिवार को मनाया गया। ब्राउन हॉल में हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केजीएमयू कुलपति ले. जनरल डॉ. बिपिन पुरी थे। कुलपति ने विभाग के कार्यों की सराहना की और कहा आठ बेड का हाई डिपेंडेंसी यूनिट ( एचडीयू) और चार बेड का वेंटीलेटर युक्त आइसीयू गंभीर अवस्था में भर्ती होने वाली प्रसूताओं के इलाज के लिए स्थापित किया है। कुलपति ने कर्मचारियों और नर्सों की कमी को पूरा करने का भी आश्वासन दिया। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. चंद्रावती रहीं। इस दौरान विभाग के कोरोना वॉरियर, जूनियर रेजीडेंट, सीनियर रेजीडेंट, कर्मचारियों और वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ ही पुलिसकर्मियों को भी सम्मानित किया गया।
स्थापना दिवस कार्यक्रम में रेनबो आइवीएफ सेंटर आगरा की निदेशक एवं साउथ एशियन फेडरेशन ऑफ मीनोपॉज सोसाइटी की अध्यक्ष डॉ. जयदीप मलहोत्रा का देयर इज ओनली नाऊ विषय पर व्याख्यान हुआ। व्याख्यान का सार रहा कि वर्तमान ही सब कुछ है। भूत और भविष्य की चिंता किए बगैर वर्तमान में ही जिएं। डॉक्टरों का अपने लिए वक्त निकालना भी बहुत जरूरी है। स्वस्थ जीवनशैली के लिए व्यायाम और योग को अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करें। इस अवसर पर जेआर तृतीय वर्ष डॉ. निशा गौतम को डॉ. पीएल महाराज मोस्ट ह्यूमेन रेजीडेंट मेडल दिया गया। वहीं, विशेष योगदान के लिए सम्मानित होने वाले चिकित्सकों में डॉ. शुचि अग्रवाल, डॉ. मोना असनानी, डॉ. मोनिका अग्रवाल, डॉ. वंदना सोलंकी, डॉ. नम्रता कुमार, डॉ. मंजूलता वर्मा, प्रो. रेनू सिंह, डॉ. स्मृति अग्रवाल, प्रो. पुष्पलता शंखवार और प्रो. सीमा मेहरोत्रा शामिल रहीं। वहीं, सीनियर रेजीडेंट में डॉ. सादमा सिद्दीकी, डॉ. रेनू गंगवार, डॉ. अदिति श्रीवास्तव, डॉ. प्रियंका सिंह, डाॅ. नेहा वर्मा, डॉ. पूर्वी खत्री, डॉ. नमिता दोहरे, डाॅ. खुशबू पांडेय, डॉ. आकांक्षा शर्मा और डॉ. रेनू गौर को सम्मान पत्र दिया गया। स्टाफ नर्स शिल्पी वर्मा और नीतू यादव को भी उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। कर्मचारी प्रवीन और शायरा के काम को भी सराहा गया। समय-समय पर सहयोग देने वाले एवं मरीजों के हित के लिए प्रयासरत पुलिसकर्मियों की भी सराहना की गई। इसमें प्रभारी निरीक्षक, चौक विश्वजीत सिंह एवं उनकी टीम के अन्य सदस्यों का सम्मान किया गया।
कोरोना काल में भी उम्दा काम
विभागाध्यक्ष एवं डीन, चिकित्सा संकाय प्रो. उमा सिंह ने विभाग की रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट में बताया गया कि एक साल के दौरान अस्पताल में बेडों की संख्या बढ़कर 275 से 342 हो गई। नया लेबर रूम कॉमप्लेक्स, पार्किंग, नई लाइब्रेरी, कमेटी हॉल के साथ ही 100 बेड वाले मेटरनल एंड चाइल्ड हेल्थ (एमसीएच) विंग की सुविधा बढ़ी है। अतिरिक्त आठ बेड का एचडीयू और चार बेड का वेंटीलेटर युक्त आइसीयू बढ़ा है। कोरोना काल में मार्च से अक्टूबर के बीच 15,346 महिला मरीजों को इलाज मिला। 3,210 प्रसव हुए, जिसमें 336 कोविड संक्रमित प्रसूताओं का इलाज किया गया, इसमें 183 प्रसव, 147 जटिल ऑपरेशन और 46 गंभीर प्रसूताओं को इलाज मिला है।