माखी कांड : साजिश में शुरू से शामिल थी पुलिस, CBI जांच में हुआ था खुलासा
सीबीआइ ने जांच रिपोर्ट में तत्कालीन डीएम व दो एसपी की लापरवाही बताई। ऑल इंडिया सर्विस कंडक्ट रूल के तहत विभागीय कार्यवाही पर मंथन एक आइपीएस का तबादला।
लखनऊ, जेएनएन। माखी कांड शुरू से ही पुलिस साजिश का हिस्सा रही है। सीबीआइ ने जांच में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही पाई है, जिसके बाद शासन इन अफसरों पर कार्यवाही की तैयारी कर रहा है। ऑल इंडिया सर्विस कंडक्ट रूल के तहत उन्नाव में तैनात रहीं आइएएस अदिति सिंह और आइपीएस पुष्पांजलि सिंह व नेहा पांडेय के खिलाफ विभागीय कार्यवाही के लिए मंथन चल रही है। हालांकि, मंगलवार को डीआइजी रेलवे गोरखपुर के पद पर तैनात पुष्पांजलि सिंह को स्थानांतरित कर डीआइजी रेलवे लखनऊ का कार्यभार सौंप दिया गया।
दरअसल, आइएएस अदिति सिंह 24 जनवरी 2017 से 16 अक्टूबर 2017 तक जिलाधिकारी उन्नाव रहीं थीं। वहीं आइपीएस नेहा पांडेय दो फरवरी 2016 से 26 अक्टूबर 2017 तक एसपी उन्नाव रहीं। इसके बाद आइपीएस पुष्पांजलि सिंह ने कार्यभार संभाला था और वह 27 अक्टूबर 2017 से 30 अप्रैल 2018 तक एसपी उन्नाव रहीं। खास बात यह है कि इन तीनों अधिकारियों से पीड़िता ने शिकायत कर कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी।
जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि दुष्कर्म के आरोपित उन्नाव से बांगरमऊ के तत्कालीन विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ कार्यवाही करने से पुलिस अफसरों ने कोताही की थी। वरिष्ठ अधिकारियों के लचर पर्यवेक्षण के कारण पूरे मामले ने विस्फोटक रूप धारण कर लिया था। पुलिस की भूमिका का आलम यह था कि माखी थाने के तत्कालीन प्रभारी को गिरफ़्तार कर जेल भेजा गया था। यही नहीं एक दारोगा भी संलिप्तता के आरोप में पकड़ा गया था।
गौरतलब है कि कुलदीप सेंगर पर एक युवती ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। पीड़िता ने मामले की शिकायत थाने से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई थी। आरोपितों ने पीड़िता के पिता की पिटाई कर दी थी। पुलिस ने कार्रवाई के बजाय पीड़िता के पिता को ही जेल भेज दिया था, जहां उनकी मौत हो गई थी। इस बीच पीड़ित परिवार मुख्यमंत्री आवास पहुंच गया था और आत्मदाह की कोशिश की थी, जिसके बाद सीबीआइ को जांच सौंपी गई थी। वर्तमान में कुलदीप सेंगर जेल में बन्द है।