Move to Jagran APP

लखनऊ में विधानसभा के पास SI ने खुद को मारी गोली, सुसाइड नोट में लिखा-CM साहब बच्चों का ध्यान रखना

उत्‍तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में व‍िधानभवन के गेट पर तैनात दारोगा ने सरकारी पिस्टल से खुद को गोली मार ली। गंभीर हालत में उन्हें तत्‍काल प्राथमिक उपचार के लिए सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 04:05 PM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 07:12 AM (IST)
लखनऊ में विधानसभा के पास SI ने खुद को मारी गोली, सुसाइड नोट में लिखा-CM साहब बच्चों का ध्यान रखना
बंथरा थाने में थे तैनात, गेट नंबर सात के पास सर्विस पिस्टल से सीने में मारी गोली।

लखनऊ, जेएनएन। उत्‍तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विधान भवन के गेट नंबर सात के सामने स्थित पार्किंग में गुरुवार को दारोगा निर्मल कुमार चौबे ने आत्महत्या कर ली। दारोगा ने सर्विस पिस्टल से अपने सीने में गोली मारी थी। पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर के मुताबिक दारोगा के पास से सुसाइड नोट बरामद किया गया है। मुख्यमंत्री को संबोधित नोट में दारोगा ने लिखा है कि 'बीमारी से परेशान हूं। मैं जा रहा हूं मुख्यमंत्री जी, मेरे बच्चों का ख्याल रखिएगा'। सुसाइड नोट में दरोगा ने बीमारी से तंग होकर खुदकुशी करने की बात लिखी है। हांलाकि उन्होंने कौन सी बीमारी थी, इसका जिक्र नहीं  किया है।

loksabha election banner

बंथरा थाने में तैनात दारोगा निर्मल मूलरूप से वाराणसी के गांव पल्ही पट्टी, चौबेपुर के रहने वाले थे। वह यहां परिवार के साथ चिनहट में रहते थे। गुरुवार को उनकी ड्यूटी विधान भवन पर लगी थी। दिन में करीब साव तीन बजे गेट नंबर सात के सामने स्थित पार्किंग में गोली चलने की आवाज सुनकर वहां मौजूद पुलिसकर्मी व अन्य लोग उस ओर दौड़े। पार्किंग में दारोगा लहूलुहान पड़े थे और उनकी सर्विस पिस्टल जमीन पर पड़ी थी। पुलिसकर्मियों ने उच्चाधिकारियों को घटना की जानकारी दी और निर्मल को सिविल अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर और संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था नवीन अरोरा सिविल अस्पताल पहुंचे और मामले की जानकारी ली। इसके बाद निर्मल के घरवालों को सूचना दी गई।

वर्ष 1987 में हुई थी भर्ती

निर्मल 15 अगस्त 1987 में पीएसी में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। वह लंबे समय से अलग अलग स्थानों पर सुरक्षा में ड्यूटी कर रहे थे। बंथरा थाने में वर्ष 2019 में उनकी तैनाती हुई थी। इंस्पेक्टर बंथरा जितेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक निर्मल मानसिक रूप से परेशान थे। बीमारी के कारण उन्होंने मेडिकल लीव भी ली थी।

फारेंसिक टीम ने की छानबीन

घटना स्थल पर छानबीन के दौरान फारेंसिक टीम ने निर्मल की सर्विस पिस्टल को कब्जे में ले लिया। यही नहीं, सुसाइड नोट को भी सुरक्षित रख लिया गया है। पुलिस आयुक्त का कहना है कि दारोगा की सहमति से उनकी ड्यूटी विधान भवन पर लगाई गई थी।  

लंबे समय से परेशान थे पापा

निर्मल चिनहट में पत्नी निरुपमा और बेटे विकास व सर्वेश के साथ रहते थे। निर्मल की आत्महत्या की खबर मिलते ही निरुपमा बेसुध हो गईं, जिन्हें उनके बेटों ने संभाला। विकास ने बताया कि पापा लंबे समय से परेशान थे। उनका इलाज भी चल रहा था, लेकिन राहत नहीं मिली। निर्मल के तीन छोटे भाई प्रदीप, अतुल और अनिल हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.