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लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के एक साल, नहीं थमा साइबर अपराध, जान‍िए क्‍या रहा खास

13 जनवरी 2020 को मुख्यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ ने राजधानी को पुलिस आयुक्त प्रणाली की सौगात दी थी। इसके अलावा नोएडा में ही पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया गया था। सुजीत पांडेय को लखनऊ का पुलिस कमिश्नर बनाया गया था।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 08:49 AM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 12:22 PM (IST)
लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के एक साल, नहीं थमा साइबर अपराध, जान‍िए क्‍या रहा खास
महिला संबंधी मामलों की विवेचना में आई तेजी, पुलिस बल की संख्या भी बढ़ी।

लखनऊ, जेएनएन। राजधानी में पुलिस आयुक्त प्रणाली को लागू हुए एक साल पूरे हो गए। इस दौरान लखनऊ को कई सौगातें मिलीं। हालांकि, अपराध पर नकेल नहीं कसा जा सका। साइबर अपराध की भरमार रही। करीब एक साल में 2750 साइबर अपराध के मामले साइबर क्राइम सेल में आए। हत्या और डकैती की घटनाओं ने लोगों को डराया तो गैंगवार की दस्तक ने सवाल खड़े किए। 13 जनवरी 2020 को मुख्यमंत्री ने राजधानी को पुलिस आयुक्त प्रणाली की सौगात दी थी। इसके अलावा नोएडा में ही पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया गया था। सुजीत पांडेय को लखनऊ का पुलिस कमिश्नर बनाया गया था। इस दौरान पॉलिगन सिस्टम की शुरुआत हुई थी। लखनऊ में पुलिस बल की संख्या बढ़ाई गई। एक साल में महिला संबंधी अपराधों की विवेचनाओं में तेजी आई।

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अपराध में कमी, लेकिन कोरोना भी प्रमुख वजह

आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2019 की अपेक्षा अपराध में कमी आई है। कोरोना काल में लॉकडाउन को भी इसका कारण माना जा रहा है। राजधानी पुलिस कोरोना काल में लोगों के लिए मददगार बनकर सामने आई और अपनी छवि में सुधार किया।

बदमाशों ने पार की दस करोड़ की संपत्ति

एक साल में बदमाशों ने करीब 10 करोड़ की संपत्ति पार कर दी। हालांकि, यह आंकड़ा वर्ष 2018 में 15 करोड़ और 2019 में 17 करोड़ का था।

चलाए कई अभियान भी

राजधानी पुलिस ने एक साल में कई अभियान भी चलाए। इनमें नमस्ते लखनऊ, ऑपरेशन ऑल आउट, मिशन शक्ति समेत अन्य शामिल रहे। ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर पुलिस ने नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्ती बरती। बिना मास्क के घर से निकलने वालों के खिलाफ भी खूब अभियान चला और दो करोड़ से अधिक रुपये के चालान भी कटे।

विवेचना निस्तारण पर जोर

राजधानी के दूसरे पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर थानों में लंबित विवेचनाओं के निस्तारण पर जोर दे रहे हैं। वह थानों में जाकर लंबित मामलों की रिपोर्ट ले रहे हैं। जनसुनवाई पर पुलिस आयुक्त की प्राथमिकता है।

घटनाएं जो चर्चा में रहीं

पुलिस आयुक्त प्रणाली के लागू होते ही हजरतगंज में रणजीत बच्चन हत्याकांड ने पुलिस को चुनौती दी। वजीरगंज में डकैती, गोमतीनगर विस्तार में छात्र की चाकू मारकर हत्या, थाने की लॉकअप में युवक की मौत, बद्री सर्राफ के मालिक को गोली मारने, जहरीली शराब से चार लोगों की मौत, चिनहट में लूटपाट, विभूतिखंड में डकैती, मोहनलालगंज व्यापार मंडल अध्यक्ष की हत्या और अजीत ङ्क्षसह हत्याकांड। ये घटनाएं पुलिस के लिए चुनौती और राजधानी में चर्चा का कारण रहीं।


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