पुलिस ने किया दावा, जिला पंचायत सदस्य 'सुरेंद्र कालिया' ने खुद पर कराया था हमला; चार गिरफ्तार
लखनऊ के आलमबाग में हुआ था हमला सुरेंद्र कालिया पर हमला जिपं सदस्य फरार सरकारी गनर लेने के लिए साजिश रचने का आरोप दो अन्य की तलाश।
लखनऊ, जेएनएन। आलमबाग में जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र कालिया पर जानलेवा हमले के मामले में नया मोड़ आ गया है। पुलिस का दावा है कि सुरेंद्र कालिया ने ही खुद पर हमला कराया था। इसके पीछे सरकारी गनर लेने की मंशा थी। सुरेंद्र कालिया ने इसके लिए खुद ही साजिश के तहत शूटर भज बुलाए थे। पुलिस आयुक्त सुजीत पांडेय के मुताबिक पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर वारदात का राजफाश किया है। सुरेंद्र कालिया की तलाश की जा रही है।
यह था मामला
मूलरूप से हरदोई के कुकूही कछौना निवासी सुरेंद्र कालिया 13 जुलाई को आलमबाग स्थित अजंता अस्पताल में इलाज करा रहे रेलवे ठेकेदार जुबैर अहमद को देखने आए था। इस दौरान सुरेंद्र पर कुछ लोगों ने फायरिंग कर दी थी। हमले में सुरेंद्र बाल बाल बच गया था, जबकि उसके निजी गनर एटा निवासी राम स्वरूप को गोली लग गई थी। सुरेंद्र ने इस मामले में पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह पर हमले का आरोप लगाकर एफआइआर दर्ज कराई थी।
ठेकेदारी को लेकर बताया था विवाद
पुलिस आयुक्त ने बताया कि सुरेंद्र ने अपने बयान में कहा था कि मुझे जौनपुर के शाहगंज से जफराबाद रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण का काम ठेका डीडी आहूजा की फर्म के साथ जॉइंट वेंचर में मिला था। इसमे सुरेंद्र की हिस्सेदारी 49 फीसद थी। इसी ठेके को लेकर सुरेंद्र ने पूर्व सांसद पर धमकी देने का आरोप लगाया था। सुरेंद्र का आरोप था कि ठेका नहीं छोड़ने पर उसपर हमला कराया गया था।
नहीं मिला था सुरेंद्र की फर्म को ठेका, साजिश हुई उजागर
डीसीपी मध्य सोमेन वर्मा के मुताबिक छानबीन में सामने आया कि सुरेंद्र को ऐसा कोई ठेका उसकी फार्म पर दिया ही नहीं गया था। सर्विलांस की मदद से पड़ताल में पुलिस को पूरी साजिश का पता चला। इसके बाद पुलिस ने खरगौरा, आसीवन उन्नाव निवासी यशवेंद्र सिंह, छोटा बरहा आलमबाग निवासी सचिन शुक्ला, पूरे चौहान, जगतपुरा रायबरेली निवासी आशीष कुमार द्विवेदी और फतेह अली का तालाब, जेल रोड आलमबाग निवासी सुल्तान अली को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों के पास से एक सफारी गाड़ी, दो पिस्टल और एक तमंचा बरामद की गई है। वहीं सुरेंद्र कालिया के अलावा कैलाशपुरी आलमबाग निवासी सुमित सिंह और दो अज्ञात हमलावर अभी भी फरार हैं।
वाहन पर पहले से थे गोली के निशान
डीसीपी मध्य ने बताया कि सुरेन्द कालिया ने अपने साथी यशवेंद्र के साथ मिलकर घटना का पूरा खाका तैयार किया था। सुरेंद्र ने उससे कहा था कि तुम पुलिस को बताना की बाइक से अपने साथियों के साथ आया था, लेकिन फूटेज में यशवेंद्र सफारी गाड़ी से शूटर के साथ आया था। यही नहीं आरोपित सुरेंद्र ने बुलेट प्रूफ गाड़ी पर खुद ही नौ बार फायर कर देखा था कि गोली आरपार होती है या नहीं। जब वह संतुष्ट हो गया तो उसने आलमबाग में घटना को अंजाम दिलाने की साजिश रच डाली थी। फोरेंसिक रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि हुई है। सुरेंद्र पर कुल 13 मुकदमे दर्ज हैं।