रायबरेली में बंद घरों को निशाना बनाने वाले चोरों के गिरोह का राजफाश, सालभर में की 16 वारदातें
पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने प्रेस वार्ता में बताया कि वर्ष 2020 में शहर कोतवाली में चोरी की छह मिल एरिया में तीन वारदातें हुईं। इनके खुलासे के लिए शहर पुलिस के साथ एसओजी को लगाया गया तब तक गिरोह पकड़ा जा सका।
रायबरेली, जेएनएन। एसओजी और शहर पुलिस ने शनिवार को अंतरजनपदीय चोरों के गिरोह का राजफाश कर पांच बदमाशों को पकड़ा है। उनके पास से 15 लाख के जेवरात और 95 हजार नगदी बरामद की गई है। एसपी ने टीम को दस हजार रुपये का पुरस्कार दिया है। पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने प्रेस वार्ता में बताया कि वर्ष 2020 में शहर कोतवाली में चोरी की छह, मिल एरिया में तीन वारदातें हुईं। इनके खुलासे के लिए शहर पुलिस के साथ एसओजी को लगाया गया, तब तक गिरोह पकड़ा जा सका।
इसमें वारिश बेग, शफीक उर्फ बब्लू निवासीगण बेहसा थाना सरोजनी नगर, मोहम्मद शमीम उर्फ सोनू निवासी नैलायक का पुरवा, सरोजनी नगर लखनऊ वारदातें करते थे। शिवमोहन और उनका बेटा राहुल वर्मा निवासी शीतलगंज, पुरवा, उन्नाव उनसे चोरी का माल खरीदते थे। इन आरोपितों में शमीम और शफीक शहर के किला बाजार के मूल निवासी हैं जो पुलिस के डर से लखनऊ में बस गए थे और वहीं से वारदातों को अंजाम दे रहे थे।
कार से ताला बंद मकानों की रेकी
गिरोह के सदस्य कार से सुबह ही रायबरेली आ जाते थे। मुहल्लों में घूमकर ऐसे घर तलाशते थे, जिनमें ताला बंद हो। रात आठ बजे के आसपास एक बार और चक्कर लगाते थे, फिर वारदात को अंजाम देते थे।
भारी मात्रा में जेवरात बरामद
पुलिस ने बदमाशों के पास से करीब 15 लाख कीमत के सोने-चांदी के जेवरात बरामद किए हैं। अंदेशा जताया जा रहा है कि इसी साल इस गिरोह ने चोरी करके करीब एक करोड़ का माल पार कर दिया। इनके खर्च भी काफी ज्यादा थे, इसी वजह से उम्मीद के अनुरूप बरामदगी नहीं हो सकी।