खंगाले जाएंगे बहराइच के पीएफआइ मंडल अध्यक्ष के खाते, खुफिया एजेंसियां सतर्क
हिंसा भड़काने के आरोप में लखनऊ पुलिस ने किया था गिरफ्तार। 19 दिसंबर को प्रदर्शन में शामिल बहराइच वालों छानबीन तेज। खुफिया एजेंसियों को पीएफआइ के सक्रिय सदस्य की तलाश।
लखनऊ, जेएनएन। CAA के खिलाफ हिंसक विरोध के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) की तरफ से भुगतान की बात उजागर होने के बाद खुफिया एजेंसियां सतर्क हैैं। स्थानीय पुलिस पूर्व में गिरफ्तार किए गए पीएफआइ के बहराइच मंडल अध्यक्ष अशफाक और उसके करीबियों के खातों की पड़ताल की तैयारी कर रही है। यही नहीं, पीएफआइ के सक्रिय सदस्य कमरुद्दीन की भूमिका भी 19 दिसंबर को परिवर्तन चौक पर हुई हिंसा में उजागर हुई है। सूत्रों का कहना है कि बहराइच से लोगों को प्रदर्शन में शामिल होने के लिए पीएफआइ ने ही बुलाया था।
ईडी की रिपोर्ट आने के बाद पीएफआइ एक बार फिर से चर्चा में है। विभिन्न खातों में करोड़ों रुपये स्थानांतरित होने और बहराइच में लोगों को रुपये दिए जाने की बात सामने आने के बाद फरार चल रहे संदिग्धों की तलाश तेज हो गई है। पुलिस अब ङ्क्षहसा में शामिल होने वाले बहराइच के लोगों के खातों का ब्यौरा निकालेगी। सभी कडिय़ों को जोड़कर जेल में बंद अशफाक और उसके करीबियों के खातों की पड़ताल की तैयारी कर रही है।
13 दिसंबर को लगाए थे देश विरोधी नारे
घंटाघर पर 13 दिसंबर को अचानक से बड़ी संख्या में लोग सीएए के विरोध में एकत्र हो गए थे। हाथ में झंडा और पोस्टर लिए लोगों ने पैदल मार्च भी निकाला था। पुलिस की विवेचना में सामने आया है कि पीएफआइ के कार्यकर्ता 13 दिसंबर को घंटाघर पर हुए प्रदर्शन में शामिल थे, जहां पर देश विरोधी नारे लगाए गए थे। पुलिस ने नारेबाजी का वीडियो भी निकाला था, जिसके आधार पर आरोपितों की शिनाख्त की कोशिश की जा रही है। एसीपी हजरतगंज अभय कुमार मिश्र के मुताबिक, कमरुद्दीन की तलाश की जा रही है।
बैन पर निर्णय जल्द
पीएफआइ पर प्रदेश में प्रतिबंध लगाने के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी गई है। इस बाबत जल्द ही निर्णय सामने आ सकता है। खुफिया एजेंसियां उन जिलों में छानबीन कर रही हैं, जहां पीएफआइ के सक्रिय कार्यकर्ता मौजूद हैं। जल्द ही एक गोपनीय रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को प्रेषित की जाएगी, जिसके बाद सरकार फैसला लेगी।