बाराबंकी: कल्याणी के पुनरुद्धार में प्रवासी श्रमिकों के योगदान को PM नरेंद्र मोदी ने सराहा
‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री ने किया जिक्र सराहना से नदी के पुनरुद्धार कार्य को मिलेगा बल। कल्याणी के पुनरुद्धार को लेकर दैनिक जागरण ने वर्ष 2011 में शुरू किया था अभियान।
बाराबंकी, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ में कल्याणी नदी के पुनरोद्धार कार्य में प्रवासी श्रमिकों के योगदान की सराहना की है। इससे श्रमिकों को हौसला मिलने के साथ ही नदी के पुनरुद्धार कार्य को बल मिला है। उन्होंने प्रवासी श्रमिकों की प्रेरक कहानियों का जिक्र करते हुए नदी का प्राकृतिक स्वरूप बहाल करने में प्रवासी श्रमिकों की भूमिका का न सिर्फ जिक्र किया बल्कि प्रेरक और अद्भुत भी बताया।
बता दें कि अस्तित्व के लिए संघर्ष करती कल्याणी नदी के पुनरुद्धार के लिए दैनिक जागरण ने वर्ष 2011 में अभियान शुरू किया था। आठ फरवरी से दो मार्च 2020 तक कल्याणी के तट से अभियान चलाकर नदी की स्थिति से प्रशासन और अवगत कराया गया। डीएम डॉ. आदर्श सिंह ने मनरेगा से कार्य कराने के लिए पायलेट प्रोजेक्ट शुरू करवाया और तीन मार्च को फतेहपुर तहसील क्षेत्र की मवैया पंचायत में कार्य शुरू हुआ। मवैया पंचायत में करीब 2600 मीटर कार्य पूरा होने के बाद अब हैदरगंज पंचायत में कार्य चल रहा है। मवैया के ग्राम प्रधान रामचंद्र ने बताया कि इसमें 678 श्रमिकों को सौ दिन रोजगार मिला है। इसमें 25 प्रवासी श्रमिकों को भी 60 दिन तक रोजगार मिला है। अब डीएम ने करीब 171 किलोमीटर की पुनरुद्धार कार्य मनरेगा से कराने का निर्णय ले लिया है।
पीएम ने यूं बढ़ाया हौसला...
मोदी ने मन की बात में अपने संबोधन में कहा कि यूपी के बाराबंकी में गांव लौटकर आए मजदूरों ने कल्याणी नदी का प्राकृतिक स्वरूप लौटाने के लिए काम शुरू कर दिया। नदी का उद्धार होता देख आसपास के किसान और आसपास के लोग भी उत्साहित हैं। गांव में आने के बाद क्वारंटाइन और आइसोलेशन सेंटर में रहते हुए हमारे श्रमिक साथियों ने जिस तरह अपने कौशल्य का इस्तेमाल करते हुए अपने आसपास की स्थितियों को बदला है, वह अद्भुत है।
नौ वर्ष पहले जागरण ने की थी अभियान की शुरुआत
अस्तित्व के लिए संघर्ष करती कल्याणी नदी के पुनरुद्धार के लिए दैनिक जागरण ने वर्ष 2011 में अभियान शुरू किया था। तत्कालीन प्रशासन ने मनरेगा से पुनरुद्धार की कवायद की थी, जिसको ‘कल्याणी के कल्याण को मनरेगा भगीरथ ’ शीर्षक से प्रकाशित किया था। तत्कालीन डीएम विकास गोठलवाल ने तत्कालीन सीडीओ की अध्यक्षता में कल्याणी टास्क फोर्स का गठन किया था। उनके तबादले के बाद फाइल आगे नहीं बढ़ सकी। हालांकि, दैनिक जागरण ने इसे हमेशा जीवंत रखा। नहरों के सफाई कार्य का शुभारंभ करने आए जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह के समक्ष भी प्रकरण उठाया गया था। इस पर बाढ़ खंड ने परियोजना शासन में लंबित होने के बात कही थी। आठ फरवरी से दो मार्च 2020 तक कल्याणी के तट से अभियान चलाकर नदी की स्थिति से प्रशासन और अवगत कराया गया। इसका जनप्रतिनिधियों और प्रशासन ने संज्ञान लिया।
चौपाल में उठा था मुद्दा, जागरण के घोषणा में भी है शामिल
कल्याणी के पुनरुद्धार का मुद्दा लोकसभा चुनाव के दौरान फतेहपुर स्थित वारिस चिल्ड्रेन अकादमी में आयोजित चौपाल में भी गूंजा था। वक्ताओं के विचारों को चौपाल में छलका कल्याणी का दर्द शीर्षक से प्रकाशित किया गया था। इतना ही नहीं जागरण की ओर से सांसद उपेंद्र सिंह रावत को सौंपे गए घोषणा पत्र में स्थानीय मुद्दे में नदी-झीलों का हो पुनरुद्धार शीर्षक से शामिल था।
बोले प्रवासी-कल्याणी नदी ने लॉकडाउन में किया कल्याण
विशुनपुर : प्रधानमंत्री के मन की बात में सराहना से कल्याणी नदी की सिल्ट सफाई में मनरेगा से काम पाने वाले मवैया ग्राम पंचायत के प्रवासी श्रमिक उत्साहित हैं। ग्राम पंचायत मवैया में मवैया में 2600 मीटर नदी की सिल्ट सफाई के बाद दूसरी ग्राम पंचायत हैदरगंज क्षेत्र में भी काम चल रहा है। ग्राम मवैया निवासी श्रमिक बृजमोहन ने बरेली से लौटकर आए तो कल्याणी नदी की सिल्ट सफाई में काम मिल गया। सफीपुर गांव के निवासी संजय ने कहा कि वह लॉकडाउन में दिल्ली से लौटे थे। गांव में मनरेगा से नदी की सफाई में 201 रुपये की मजदूरी मिलना किसी वरदान से कम नहीं लगा। मवैया के मुन्नीलाल ने बताया कि कानपुर से लौटने के बाद कल्याणी नदी में कार्य मिलने से परिवार चलाने में सहायता मिली। ग्राम प्रधान मवैया रामचंद्र यादव का कहना है कि प्रधानमंत्री ने कल्याणी की सफाई में प्रवासी श्रमिकों के योगदान की सराहना कर हम सभी का उत्साह बढ़ा दिया है। प्रधान ने कल्याणी के प्राकृतिक स्वरूप को बहाल करने के संबंध में दैनिक जागरण की मुहिम को भी सराहा।
मुहिम की सराहना
निंदूरा के श्रीष रावत ने मिठाई बांटकर खुशी मनाई। कहा कि प्रधानमंत्री के संज्ञान लेने के बात इस बात में कोई संदेह नहीं की अब कल्यणी नदी का प्राकृतिक स्वरूप उद्गम स्थल से लेकर अंतिम छोर तक बहाल होगा। सोशल मीडिया पर भी वरिष्ठ कवि राम किशोर तिवारी ‘किशोर’, सीताकांत, सुनील हर्ष आदि ने सोशल मीडिया पर भी जागरण की मुहिम को सराहा।