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PM Modi Mann Ki Baat: पीएम नरेंद्र मोदी ने मन की बात में की प्रियंका व शिवपाल पर चर्चा तो घर के लोग भावुक

PM Modi Mann Ki Baat पीएम मोदी ने कहा कि जब प्रतिभा समर्पण दृढ़ता और खेल भावना का एक साथ मिलन होता है तब जाकर कोई विजेता बनता है और भारत में तो अधिकांश खिलाड़ी ऐसे हैं जो छोटे-छोटे शहरों कस्बों और गांवों से निकल करके आते हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 27 Jun 2021 05:01 PM (IST)Updated: Sun, 27 Jun 2021 05:06 PM (IST)
PM Modi Mann Ki Baat: पीएम नरेंद्र मोदी ने मन की बात में की प्रियंका व शिवपाल पर चर्चा तो घर के लोग भावुक
उनके परिवार के लोग बेहद भावुक हो गए

लखनऊ, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो पर अपने कार्यक्रम मन की बात के 78वें संस्करण में जापना के टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों में भाग लेने जाने की तैयारी में लगे उत्तर प्रदेश के एथलीट प्रियंका गोस्वामी और शिवपाल सिंह के संघर्ष की कहानी सुनाई तो उनके परिवार के लोग बेहद भावुक हो गए। प्रियंका के परिवार के लोग मेरठ में और शिवपाल सिंह के परिवार के लोगों ने वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात सुनी। पीएम ने इस दौरान देश भर के कई खिलाडिय़ें का जिक्र मन की बात में करके सभी खिलाडिय़ों का उत्साहवर्धन किया है।

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पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' ओलंपिक में भाग लेने जा रहे प्रियंका के साथ शिवपाल सिंह और अन्य कई खिलाडिय़ों के संघर्ष की कहानी सुनाई। इसके साथ ही उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे प्रतियोगिता के दौरान किसी खिलाड़ी पर दबाव न बनाएं, बल्कि खुले मन से उनका साथ देकर उत्साहवर्धन करें। पीएम मोदी ने कहा कि जब प्रतिभा, समर्पण, दृढ़ता और खेल भावना का एक साथ मिलन होता है तब जाकर कोई विजेता बनता है और भारत में तो अधिकांश खिलाड़ी ऐसे हैं जो छोटे-छोटे शहरों, कस्बों और गांवों से निकल करके आते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने जा रहे खिलाडिय़ों के दल में भी कई ऐसे खिलाड़ी शामिल हैं, जिनका जीवन बहुत प्रेरित करता है। इस कड़ी में उन्होंने तीरंदाज प्रवीण जाधव, महिला हॉकी दल की सदस्य नेहा गोयल, महिला तीरंदाज दीपिका कुमारी, पैदल चाल (रेस वॉकिंग) की धाविका प्रियंका गोस्वामी, भाला फेंक प्रतियोगिता के खिलाड़ी शिवपाल सिंह और मुक्केबाज मनीष कौशिक सहित कुछ अन्य खिलाडिय़ों के संघर्ष की कहानी सुनाई और बताया कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद इन खिलाडिय़ों ने खेलों की दुनिया में एक मुकाम हासिल किया है।

उन्होंने कहा कि जीवन में हम जहां भी पहुंचते हैं, जितनी भी ऊंचाई प्राप्त करते हैं, जमीन से ये जुड़ाव, हमेशा हमें अपनी जड़ों से बांधे रखता है। संघर्ष के दिनों के बाद मिली सफलता का आनंद भी कुछ और ही होता है। टोक्यो जा रहे हमारे खिलाडिय़ों ने बचपन में साधनों-संसाधनों की हर कमी का सामना किया, लेकिन वो डटे रहे, जुटे रहे। मोदी ने कहा कि ऐसे तो अनगिनत नाम हैं और टोक्यो जा रहे हर खिलाड़ी का अपना संघर्ष एवं बरसों की मेहनत रही है।

उन्होंने कहा कि वह सिर्फ अपने लिए ही नहीं जा रहे, बल्कि देश के लिए जा रहे हैं। इन खिलाडिय़ों को भारत का गौरव भी बढ़ाना है और लोगों का दिल भी जीतना है और इसी कारण मैं आपको भी सलाह देना चाहता हूं। हमें जाने-अनजाने में भी हमारे इन खिलाडिय़ों पर दबाव नहीं बनाना है, बल्कि खुले मन से, इनका साथ देना है, हर खिलाड़ी का उत्साह बढ़ाना है। प्रधानमंत्री ने देशवासियों से सोशल मीडिया पर टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने जा रहे खिलाडिय़ों के समर्थन और उत्साहवर्धन के लिए चीयर फॉर इंडिया हैशटेग से अभियान चलाने की गुजारिश की।

अपने विचार साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने महान धावक मिल्खा सिंह को भी याद किया और कहा कि खेलों के प्रति वह बहुत भावुक और समॢपत थे। मिल्खा सिंह को याद करते हुए मोदी ने कहा कि जब वह अस्पताल में भर्ती थे और कोरोना से जूझ रहे थे तब उन्होंने उनसे बात की थी। मोदी ने बताया कि उन्होंने मिल्खा सिंह से आग्रह किया था इस बार जब भारतीय खिलाड़ी टोक्यो जाएं तब उन्हेंं भारतीय खिलाडिय़ों का मनोबल बढ़ाना है और अपने संदेश से प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि वह खेल को लेकर इतना समर्पित और भावुक थे कि बीमारी में भी उन्होंने तुरंत ही इसके लिए हामी भर दी, लेकिन, दुर्भाग्य से नियति को कुछ और मंजूर था।

मन की बात में प्रियंका की बात सुनकर भावुक हुए पिता

मेरठ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात में ओलंपिक और उसमें प्रतिभाग करने वाले खिलाडिय़ों का जिक्र किया। खिलाडिय़ों को जहां उन्होंने प्रोत्साहित किया। वहीं, उनके सीमित साधन के बावजूद अपने साधना से आगे बढऩे का भी जिक्र किया। इस दौरान उन्होंने मेरठ की एथलीट प्रियंका गोस्वामी का भी जिक्र किया। जिसे सुनकर प्रियंका के पिता मदनपाल भावुक हो गए।

मन की बात कार्यक्रम कैलाश प्रकाश स्टेडियम में लाइव किया गया। पीएम ने मन की बात में प्रियंका गोस्वामी के सामान्य परिवार से निकलने से लेकर ओलंपिक में दावेदारी तक का जिक्र किया। प्रियंका गोस्वामी इस बार टोक्यो ओलंपिक में 20 किलोमीटर पैदल चाल में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। मन की बात में प्रधानमंत्री की ओर से प्रियंका का नाम आने पर प्रियंका के पिता मदनपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने प्रियंका की बात की। उन्हेंं बहुत खुशी हो रही है। प्रियंका पर उन्हेंं पूरा भरोसा है। वह देश के लिए कुछ करेगी। प्रियंका के पिता मदन पाल ने कहा कि उन्हेंं अपने बच्चों पर पूरा विश्वास है। इसी विश्वास के बदौलत उन्होंने उसे खेल में भेजा। मन की बात कार्यक्रम में सांसद राजेंद्र अग्रवाल के अलावा स्टेडियम के खिलाड़ी और स्पोट्र्स से जुड़े हुए लोग क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी आले हैदर सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

शिवपाल सिंह के परिवार के लोग पीएम मोदी के मुरीद

पीएम नरेंद्र मोदी ने चंदौली के निवासी शिवपाल सिंह का जिक्र मन की बात में करके उनका हौसला बढ़ाया है। इस बार टोक्यो ओलंपिक में जाने वाली टीम में शिवपाल सिंह शामिल हैं। चंदौली के धानापुर विकासखंड के हिंगुतरगढ के माटी के लाल शिवपाल सिंह इस बार टोक्यो ओलंपिक के जोली जैवलिन थ्रो में अपने देश का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं। उनका और उनके परिवार का एक ही सपना है कि वह गोल्ड जीतकर ही लौटें। पीएसी में तैनात कांस्टेबल रामाश्रय सिंह के बड़े पुत्र शिवपाल सिंह ने एक बार फिर क्षेत्र ही नहीं पूरे जनपद का मान बढ़ाया है।

भाला फेंक खिलाड़ी शिवपाल के टोक्यो ओलंपिक में चयन से उनके गांव और क्षेत्र में खुशी की लहर इन दिनों है। शिवपाल और उनके छोटे भाई नंदकिशोर का बचपन से ही खेल में जाने का सपना रहा है। शिवपाल के चाचा जगमोहन भी जैवलिन थ्रो के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रह चुके हैं जो नेवी में तैनात हैं। शिवपाल की प्रतिभा को देखते हुए उनके चाचा जगमोहन 13 वर्ष की अवस्था में ही उन्हेंं अपने साथ दिल्ली ले आए और जेवलिन थ्रो की ट्रेनिंग दिलाई। स्पोट्र्स कोटे से ही शिवपाल एयरफोर्स में भर्ती हुए। वर्ष 2018 में एशियन गेम्स, वर्ष 2019 में नेशनल फेडरेशन कप एथलेटिक चैंपियनशिप सहित वर्ष 2019 में प्रदेश सरकार ने उन्हेंं लक्ष्मण पुरस्कार से भी सम्मानित किया था। शिवपाल सिंह ने दक्षिण अफ्रीका में चल रहे क्वालीफाइंग मुकाबले में 85.47 मीटर भाला फेंककर ओलंपिक का टिकट पक्का किया था।  


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