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आलमबाग बस अड्डे पर लगेगा प्लेटफार्म टिकट, अब अंदर जाने के लिए करनी पड़ेगी जेब ढीली

गत 12 जून को हुआ था आलमबाग स्थित बस टर्मिनल का उद्घाटन। अब टर्मिनल के अंदर जाने के लिए लेना होगा टिकट।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 10:20 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 10:37 AM (IST)
आलमबाग बस अड्डे पर लगेगा प्लेटफार्म टिकट, अब अंदर जाने के लिए करनी पड़ेगी जेब ढीली

लखनऊ[नीरज मिश्र]। अगर आप आलमबाग टर्मिनल में किसी को बस तक छोड़ने जा रहे हैं तो अतिरिक्त भुगतान को तैयार हो जाएं। बहुत जल्द रेलवे प्लेटफार्म की तरह आपको भी टिकट लेना पड़ेगा। बस स्टेशन परिसर में प्रवेश करने पर पाच रुपया प्रति व्यक्ति की दर से यह पैसा यात्री को छोड़ने आए व्यक्ति को देना होगा।

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इसके अलावा विभिन्न सुविधाओं के लिए भी बाहरी व्यक्ति से तय धनराशि ली जाएगी। इसे लेकर प्रबंध निदेशक पी. गुरुप्रसाद की ओर से क्षेत्रीय प्रबंधक को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। यह धनराशि बहुत जल्द ही लोगों से ली जाएगी। एमडी की ओर से भेजे गए निर्देशों में कहा गया है कि पीपीपी मॉडल पर विकसित किए गए आलमबाग टर्मिनल बनाने वाली संस्था के साथ इस आशय का करार हुआ था। इसमें आधारभूत यात्री सुविधाएं निश्शुल्क प्रदान करने का प्राविधान किया गया है। इसके अतिरिक्त अन्य लोगों से उच्च स्तरीय सुविधाओं के लिए यूजर फीस लेने का अधिकार भी निर्माण एजेंसी को दिया गया है। इसके तहत बस यात्रियों को छोड़कर परिसर में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों से पाच रुपया प्रति व्यक्ति लिया जा सकता है। यही नहीं उच्च स्तरीय सुविधाओं मसलन एसी वेटिंग हाल, एसी शौचालय एवं बाथ क्लॉक रूम एवं डारमेट्री के इस्तेमाल पर भी यात्रियों को छोड़कर अन्य लोगों से आने वाले दिनों में पैसा लिया जाएगा। अभी इसकी धनराशि तय नहीं की गई है।

अगर एसी में करना है आराम तो चालक-परिचालक भी देंगे पैसा

भेजे गए निर्देशों के मुताबिक डारमेट्री की सुविधा लेने वाले स्टॉफ को भी अच्छी सुविधाओं की एवज में पैसा खर्च करना पड़ेगा। गैर वातानुकूलित श्रेणी के लिए 25 रुपया प्रति व्यक्ति और एसी का उपभोग करने वाले को 35 रुपया प्रति आठ घटे का देना होगा। यानी अगर चालक परिचालक लंबी दूरी तय कर बाहर से आये हैं और उन्हें विश्रम करना है तो तय धनराशि का भुगतान करना होगा। इसके लिए मसौदा तैयार कर लिया गया है और वार्ता चल रही है।

क्या कहते हैं अफसर?

- उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक पी. गुरुप्रसाद का कहना है कि नॉन पैसेंजर्स को लेकर हुई बातचीत पर तो सहमति बन गई है। बाहरी व्यक्ति अगर सुविधाओं का लाभ लेता है तो उससे सीमित पैसा लिया जा सकता है, लेकिन संस्था द्वारा यात्रियों से लिये जाने वाले पैसे को लेकर बातचीत की गई है। इस पर रोडवेज प्रबंधन कतई तैयार नहीं है। यात्री से पैसा नहीं लिया जा सकता है। - शालीमार निदेशक कुनाल सेठ के मुताबिक, अभी यूपीएसआरटीसी और शालीमार के बीच बातचीत चल रही है। थोड़ा वक्त लगेगा। नॉन पैसेंजर्स के मामले में सहमति जरूर बनी है, लेकिन अभी इस कुछ मसलों पर बातचीत चल रही है। दरअसल, बड़े इनवेस्टमेंट के बाद इसे लंबी अवधि तक मेंटेन भी रखना है, ताकि यात्रियों को उच्च स्तरीय सुविधाएं मिलें। इसे लेकर कुछ बिंदुओं पर पैसा वसूले जाने को लेकर वार्ता चल रही है।


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