Coronavirus News Update: इंतजार खत्म..अगले सप्ताह शुरू होगा उमीफेनोविर के तीसरे चरण का ट्रायल
Coronavirus News Update राजधानी के तीन बड़े अस्पतालों में तीसरे फेस के ट्रायल दो माह में पूरे होने की उम्मीद। कोरोना के इलाज के साथ-साथ बचाव के लिए भी प्रभावी पाई गई है दवा।
लखनऊ, जेएनएन। Coronavirus News Update: कोरोना के इलाज में प्रभावी पाई गई एंटीवायरल दवा उमीफेनोविर के तीसरे चरण के ट्रायल अगले सप्ताह से शुरू होंगे। सीडीआरआई द्वारा विकसित इस दवा के राजधानी के तीन अस्पतालों में शुरू होने वाले तीसरे चरण के ट्रायल के अगले दो माह में पूरा होने की उम्मीद है। वैज्ञानिकों का दावा है कि शोध में प्रभावी पाई गई उमीफेनोविर कोरोना से बचाव के साथ-साथ इलाज के इस्तेमाल की जा सकेगी। इस दवा की कीमत भी मौजूदा दवाओं के मुकाबले बेहद कम होगी। वहीं अनुसंधान में कोरोनावायरस पर इसे काफी असरदार पाया गया है। यही वजह है कि सीडीआरआई को उमीफेनोविर से काफी उम्मीदें हैं। संस्थान ने इस दवा के निर्माण की प्रौद्योगिकी भी भारतीय कंपनी को सौंप दी है।
सीडीआरआई के निदेशक प्रो. तपस कुंडू ने बताया कि दवा के मल्टीसेंट्रिक ट्रायल केजीएमयू, डॉ.राम मनोहर लोहिया संस्थान एवं एरा मेडिकल कॉलेज में शुरू किए जा रहे हैं। सीडीआरआई दवा को अस्पतालों को उपलब्ध कराएगा। लोहिया संस्थान के डॉ. विक्रम सिंह बताते हैं कि उमीफेनोविर एंटीवायरल दवा है जिसे आर एन ए वायरस पर काफी प्रभावी पाया गया है। उन्होंने कहा अभी तक कोरोना उपचार के स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल में एंटीवायरल दवा का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। 25 से 50 कम गंभीर मरीजों में इस दवा का इस्तेमाल किया जाएगा और इसके क्लीनिकल व बायोकेमिकल परिणाम देखे जाएंगे। यदि कोरोना मरीजों पर इसके परीक्षण सफल रहते हैं तो एक बेहद सस्ती व प्रभावी दवा कोरोना के इलाज के लिए हासिल हो सकेगी। निश्चित रूप से यह कोरोना से दो-दो हाथ करने के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।
क्या है दवा की खासियत
सीडीआरआई के अनुसार यह दवा मानव कोशिकाओं में कोरोना वायरस के प्रवेश को रोकने के साथ कोविड-19 के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) को सक्रिय करने में अत्यंत कारगर है। संस्थान ने प्रभावी दवा की खोज के लिए अन्य रोगों में प्रयोग किए जा रहे 130 मॉलिक्यूलों को चिह्नित किया। इनमें से 30 मॉलिक्यूल प्रभावी पाए गए और इनमें से कोविड-19 के खिलाफ उमीफेनोविर सबसे अधिक असरदार मिली। इस दवा का उपयोग इन्फ्लूएंजा के इलाज के लिए रूस और चीन में मुख्य रूप से किया जाता है। वहां भी यह कोविड-19 में बेहद कारगर पाई गई थी। इसके बाद सीडीआरआइ उमीफेनोविर की देसी तकनीक विकसित करने में जुटा था। जिसमें सफलता मिलने के साथ ही इसके निर्माण की प्रौद्योगिकी गोवा की एक फार्मा कंपनी को सौंप दी गई है।कंपनी को दवा के निर्माण का लाइसेंस भी मिल चुका है। यानी ट्रायल पूरा होते ही यह दवा बाजार में उपलब्ध होगी।