जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल, जानें- क्या लगाया गया आरोप
मुस्लिम धर्म त्याग कर हिंदू बने वसीम रिजवी (जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी) के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि किसी भी प्रकार से राजनीति से प्रेरित होकर पैगंबर मोहम्मद व पवित्र कुरान को उसमें घसीटा जाना उचित नहीं है।
लखनऊ, जेएनएन। मुस्लिम धर्म त्याग कर हिंदू बने वसीम रिजवी (जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी) के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। कोर्ट से पैगंबर मोहम्मद और पवित्र कुरान के संबंध में विवादित बयान देने पर रोक लगाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि किसी भी प्रकार से राजनीति से प्रेरित होकर पैगंबर मोहम्मद व पवित्र कुरान को उसमें घसीटा जाना उचित नहीं है।
याचिकाकर्ता युसूफ उमर अंसारी की अधिवक्ता सहर नकवी का कहना है कि वसीम रिजवी का लंबा अपराधिक इतिहास है। वह पैगंबर मोहम्मद व पवित्र कुरान पर विवादित टिप्पणी करके दुनिया भर में माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। कुरान इस्लाम की धार्मिक पुस्तक है जिसमें दुनिया भर के मुस्लिमों का एतबार है। इसमें किसी प्रकार के संशोधन की बात करना अनुचित है। वह गलत इतिहास प्रस्तुत कर रहे हैं। याचिका में मांग की गई है कि वसीम रिजवी के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की जाए। उनके द्वारा की जा रही इंटरनेट मीडिया पर तमाम इस्लाम विरोधी टिप्पणियों को हटाया जाए।
बता दें कि शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने सोमवार को गाजियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर में सनातन धर्म अपना लिया था। पांच पंडितों ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना कराई और उनको नया नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी दिया है। डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर यति नरसिंहानंद गिरि ने उन्हें अपना भाई मानते हुए कहा कि अब जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की जाति त्यागी और गोत्र वत्स है।
वसीम रिजवी से जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी बनने के बाद उन्होंने कहा कि मैंने इस्लाम नहीं छोड़ा है, मुझे इससे निकाला गया है। सनातन धर्म विश्व का सबसे पुराना धर्म है, यह धर्म लोगों को इंसान बनने के लिए प्रेरित करता है। लोगों के बीच मोहब्बत पैदा करता है, इसलिए मैंने सनातन धर्म अपनाया है। मुझे यति नरसिंहानंद गिरि ने अपने समाज से जोड़ा है, इसके लिए मैं उनका शुक्रगुजार हूं।
जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने बताया कि इस्लाम में मूर्ति पूजा करने वालों का विरोध करने की बात कही जाती है, मैं इसका विरोध करता हूं। मैंने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की जगह को बगैर किसी विवाद के लौटाने की बात कही थी। कुरान की 26 आयतें हटाने की मांग की थी। इसके साथ ही जिन मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाई गई हैं, उन स्थानों पर मंदिर बनाने की बात कही। लोगों को इस्लाम की कमियां बताईं, उनको विस्तार से समझाने के लिए किताब भी लिखी। लेकिन मेरा विरोध किया गया और मेरे खिलाफ फतवे जारी किए गए।
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