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Paddy Farmers Alert: यूपी में धान की फसल पर कीटों का हमला, विशेषज्ञों ने किसानों के लिए जारी किया अलर्ट

यूपी में कोरोना संक्रमण की त्रासदी से किसान निकलने का प्रयास कर ही रहे थे कि धान की फसल पर कीटों के हमला कर दिया है। उनके सपनों पर पानी फेर दिया। वह भी उस समय जब बारिश ने धोखा दिया और पंप से भरकर धान को तैयार करना पड़ा।

By Rafiya NazEdited By: Published: Sun, 12 Sep 2021 05:29 PM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 07:28 AM (IST)
Paddy Farmers Alert: यूपी में धान की फसल पर कीटों का हमला, विशेषज्ञों ने किसानों के लिए जारी किया अलर्ट
यूपी के तराई क्षेत्रों में धान की रिकार्ड पैदावार की संभावना।

लखनऊ [ जितेंद्र उपाध्याय]। कोरोना संक्रमण की त्रासदी से किसान निकलने का प्रयास कर ही रहे थे कि धान की फसल पर कीटों के हमलों ने उनके सपनों पर पानी फेर दिया। वह भी उस समय जब बारिश ने धोखा दिया और पंप से भरकर धान को तैयार करना पड़ा। वर्तमान समय में धान में बालियां आ गई आ गई धान बनना शुरू हो गया है। ऐसे में समय रहते कीटों पर काबू नहीं पाया गया तो ये पूरी फसल चट कर जाएंगे।

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बख्शी का तालाब के चंद्र भानु गुप्त कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग विशेषज्ञ डा. सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इस समय रुक-रुक कर बरसात हो रही है और वातावरण में नमी बनी हुई है। दिन में एक या दो घंटा धूप निकल आती है। इसी वजह से धान पर प्रमुख रूप से धान की गंधी कीट का प्रकोप बढ़ जाता है। यह कीट पुष्पा अवस्था के पहले से पकने तक आक्रमण करता है, इस कीट के शिशु एवं पौढ़ दुग्ध अवस्था के समय अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। यह धान की निकल रही बालियों से दूध को चूस लेता है, जिससे धान में दाना बिल्कुल नहीं बनता। अधिक प्रकोप की अवस्था में 50 से 60 फीसदद धान की फसल नष्ट हो जाती है। कीट द्वारा धान से रस चूस लेने से दानों के ऊपर भूरे पीले रंग के चिन्ह बन जाते हैं। इस प्रकार के धान के दानों से चावल अधिक टूट जाता है।

सितंबर के अंत से नवंबर तक बढ़ेगा प्रकोप, ये करें उपाय: सितंबर के आखिरी सप्ताह से नवंबर के दूसरे सप्ताह तक धान में प्रमुख रूप से इस कीट का प्रकोप बढ़ता है। किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि इस समय वह अपनी फसल की निगरानी करते रहें। यह कीट सुबह के समय खेतों में अधिक दिखाई पड़ते हैं । यदि धान की पांच बालियों के बीच एक गंधी कीट दिखाई दे तो तुरंत कीटनाशक का प्रयोग करके उन्हे नष्ट कर दें। सुबह के समय मिथाइल पैराथियान 2 डीपी अथवा 1.5फीसद क्यूनालफास धूल का भुरकाव करना चाहिए। जिन स्थानों पर बालियां पहले निकल रही है वहां पर भुरकाव पहले करना चाहिए। चंद्र भानु गुप्त कृषि महाविद्यालय चंद्रभानु गुप्त कृषि महाविद्यालय के कृषि कीट विज्ञान विभाग के विशेषज्ञ डा सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि खेतों में गंधी कीट की संख्या अधिक दिखाई देती है तो हर संभव एक रसायन का छिड़काव जरूरी होता है। आक्सीडीमेटान मिथाइल 25 ईसी 1.0 मिली को एक लीटर पानी की दर से घोल बनाकर अथवा मिथाइल पैराथियान 2 डीपी 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से धूल पाउडर का भुरकाव करना चाहिए। गंधी कीट के सफल प्रबंधन हेतु पुष्पा अवस्था के समय पहला छिड़काव तथा दूसरा छिड़काव एक सप्ताह बाद करना चाहिए। किसान भाइयों को कीटनाशक सदैव रजिस्टर्ड दुकान से ही खरीदना चाहिए। कीटनाशकों के छिड़काव के लिए पानी सही मात्रा में मिलाएं, कीटनाशकों का प्रयोग करते समय मुंह पर कपड़ा बांधकर रखें और छिड़काव के बाद अपने हाथ व पैरों को साबुन से साफ करना चाहिए तथा बाद में स्नान करना चाहिए। सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर ,पीलीभीत, लखीमपुर ,खीरी बहराइच, श्रावस्ती, तथा अन्य जिलों सीतापुर उन्नाव, कानपुर, रायबरेली अमेठी , सुल्तानपुर एवं लखनऊ में इस वर्ष धान की फसल बहुत अच्छी है, और पैदावार अच्छी होने की संभावनाएं हैं। कीट का प्रबंध कर किसान अपनी फसल बचा सकते हैं।

उप कृषि निदेशक डा.सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि धान की फसल को बचाने का अनुकूल मौसम है। किसानों को चाहिए कि वे बताए गए कीटनाशकों का प्रयोग कर अपनी फसल को सुरक्षित करें। कीट लगने की जानकारी ब्लाक में मौजूद कृषि विभाग के अधिकारियों को जरूर दें। नकली कीटनाशक की जानकारी साझा करें जिससे उनके विरुद्ध कार्यवाही की जा सके।


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