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शहरों में नौकरी गंवा चुके लोग पाई-पाई को मोहताज, घर के आभूषण बेच नकदी का संकट कर रहे दूर

कोरोना काल में लॉकडाउन के बाद खुले सराफा बाजार की कहानी सामान्य दिनों से अलग है। यहां अब आर्थिक तंगी के चलते जेवर बेचने वाले अधिक पहुंच रहे हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 11:17 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 08:27 AM (IST)
शहरों में नौकरी गंवा चुके लोग पाई-पाई को मोहताज, घर के आभूषण बेच नकदी का संकट कर रहे दूर
शहरों में नौकरी गंवा चुके लोग पाई-पाई को मोहताज, घर के आभूषण बेच नकदी का संकट कर रहे दूर

लखनऊ, जेएनन। कोरोना काल में लॉकडाउन के बाद खुले सराफा बाजार की कहानी सामान्य दिनों से अलग है। इन दिनों सराफा बाजार में गहनों से ज्यादा नकदी की मांग है। यहां पहले जहां खरीदार अधिक पहुंचते थे, अब आर्थिक तंगी के चलते जेवर बेचने वाले अधिक पहुंच रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग पुराने आभूषण बेचने के लिए आ रहे हैं। हालांकि इनमें से तमाम मजदूर और श्रमिक तो पहले से ही बड़े शहरों से लुट-लुटा कर आए हैं। ज्वेलर्स के मुताबिक जेवर बेचने वालों की संख्या सामान्य से बहुत ज्यादा है। 

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लॉकडाउन के दौरान उद्योग धंधे पूरी तरह बंद रहे। इनमें काम करने वाले लोग अपने घरों को लौटे। अब ऐसे तमाम लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट है। ऐसे में सर्राफ के यहां आभूषण बेचने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। गांव-देहात से भी बहुत से लोग पुराने पारिवारिक आभूषणों को बेचने आ रहे हैं। प्रतापगढ़ में प्रमुख ज्वेलर्स अश्वनी केसरवानी का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूर जब घर लौट रहे थे तो उन्हें पैसों की जरूरत थी। लिहाजा मुंबई, सूरत और दिल्ली जैसे बड़े शहरों में उन्होंने अपने आभूषणों को औने-पौने दाम पर बेच दिए। प्रयाग सराफा व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष रामजी रस्तोगी ने बताया कि प्रयागराज के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक तंगी के चलते मध्यम व निम्न वर्ग के कुछ लोग जेवर गिरवी रख रहे हैं। कुछ लोग जेवर बेचने में भी रुचि दिखा रहे हैं। खरीदारों की संख्या नगण्य है।

गिरवी रखने से बनाई दूरी : फैक्ट्री व कारखानों में काम करने वालों का कहना है कि लॉकडाउन के समय का वेतन नहीं मिला। जिस मकान में किराये पर रहते थे, उनके मालिकों का दबाव है। आर्थिक संकट से उबरने के लिए जेवर बेच रहे हैैं। रेट अच्छा मिलने की वजह से जेवरों को गिरवी रखने की बजाय बेचना उचित समझ रहे हैैं। वहीं ज्वेलर्स गोल्ड लोन देना चाहते हैैं। विष्णुपुरी के ओम ज्वेलर्स के नीरज वर्मा कहते हैैं कि लोगों के पास नकदी का संकट है। इसलिए बेचने वाले आ रहे हैं। हम उन्हें बेचने से ज्यादा गोल्ड लोन के लाभ बताते हैं। अलीगढ़ में सोनी ज्वेलर्स के मनित अग्रवाल का कहना है कि नकदी संकट को दूर करने के लिए लोग पारंपरिक गहने बेच रहे हैं। वैवाहिक समारोह में उपहार स्वरूप मिलने वाली ज्वेलरी की अपेक्षा पुराने गहनों को बेचा जा रहा है। भाव भी अच्छा है, इसलिए लोग गोल्ड लोन से बेच रहे हैं। 

जितना खरीद रहे उसका आधा बिक रहा : कानपुर में निम्न मध्यम वर्गीय लोग घर के जेवर बेचने में ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं। हालांकि सहालग करीब होने के कारण लोग पुराने जेवर से नए जेवर बनवा रहे हैं। कुल मिलाकर शहर में लोग जितना सोना खरीद रहे हैं, उसका आधा बिक भी रहा है। कानपुर ही नहीं फतेहपुर, हमीरपुर, बांदा, इटावा, औरैया, उरई, उन्नाव में इससे कारोबार प्र भावित है। हालांकि मुरादाबाद, रामपुर, संभल की स्थिति थोड़ी अलग है। यहां तमाम सराफा कारोबारियों का कहना है कि उनके यहां एक भी व्यक्ति पुराने जेवर गिरवी रखने या बेचने नहीं आया है। मुरादाबाद के सराफा कारोबारी संजय कट्टा ने बताया कि ऐसी स्थिति अभी तक नहीं आई है।

बाजार से ग्राहक नदारद : लॉकडाउन के कारण मेरठ में अभी सराफा बाजार बंद है। नौ जून से खुलने के आसार हैं। सहारनपुर सराफा बाजार के प्रधान पवन गोयल के मुताबिक बाजार से ग्राहक नदारद हैं और जो आ रहे हैैं, उनमें 80-90 फीसदी लोग अपने जेवर बेचने के लिए आ रहे हैं। सर्राफ संजीव जैन ने बताया कि जो जेवर 85 प्रतिशत गोल्ड के साथ बना है उसकी वापसी 80 से 83 फीसदी तक है और जो इससे 75 प्रतिशत वाला गोल्ड है, उसे 70 के हिसाब से लिया जा रहा है। बुलंदशहर में सराफा एसोसिएशन के पदाधिकारियों के मुताबिक सराफा बाजार में आने वाले अधिकांश लोग अपने आभूषण गिरवी और बिक्री करने के लिए आ रहे हैं।

सोने के दाम बढ़ने बेच रहे सोना : आगरा में तमाम लोग ऐसे कोई जरिया न देख लोग अब सोना बेच पेट भरने का इंतजाम कर रहे हैं। लॉकडाउन खुलते ही सराफा कारोबारियों की दुकानों पर भीड़ दिखाई देने लगी है। सराफा कारोबारी पंकज सूर्यवंशी कहते हैं कि हर रोज दो से तीन लोग आभूषण बेचने आ रहे हैं। यही स्थिति फीरोजाबाद और मथुरा में भी देखी जा रही है। कोरोना संकट के बीच वाराणसी समेत पूर्वांचल के अन्य नौ जिलों (सोनभद्र, बलिया, गाजीपुर, मऊ, जौनपुर, आजमगढ़, भदोही, मीरजापुर और चंदौली) के सराफा बाजार में नजारा थोड़ा बदला है। इस समय ज्वेलरी खरीदने के साथ ही कई लोग उसे बेचने भी पहुंच रहे हैं। वाराणसी सर्राफ एसोसिएशन के महामंत्री रवि सराफा का कहना है कि वैसे ज्वेलरी बेचने का मामला पूरे देश में बढ़ा है। कारण कि इन दिनों सोने का रेट काफी बढ़ गया है। इस कारण इन्वेस्टर इसका लाभ ले रहे हैं। हां, कुछ लोग मजबूरी में भी सोने के आभूषण बेच रहे हैं।


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