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रायबरेली में बुद्ध पूर्णिमा पर लाॅकडाउन के नियम तार-तार, बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी

लॉकडाउन के बावजूद भी रायबरेली में बुद्ध पूर्णिमा पर लोग गंगा स्नान करने पहुंच गए नियमों का पालन महज औपचारिकताओं में पूरा कराया जा रहा है। इसी के चलते बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान करने पहुंच गए और स्थानीय प्रशासन को भनक तक नहीं लगी।

By Rafiya NazEdited By: Published: Wed, 26 May 2021 09:39 AM (IST)Updated: Wed, 26 May 2021 09:39 AM (IST)
रायबरेली में  बुद्ध पूर्णिमा पर लाॅकडाउन के नियम तार-तार, बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी
रायबरेली में बुद्ध पूर्णिमा पर धारशायी हुए लाॅकडाउन के नियम।

रायबरेली, जेएनएन। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए बुधवार को सैंकड़ों की संख्या में दूर-दराज से श्रद्धालु डलमऊ गंगा स्नान को पहुंच गए। राजघाट, रानी शिवाला घाट, संकटमोचन घाट, पथवारी देवी घाट, दीनशाह गौरा घाट, महावीरन घाट, राजा नेवाज सिंह घाट, बड़ा मठ आदि गंगा घाटों पर हर हर गंगे के गगनभेदी उद्घोष के साथ पतित पावनी गंगा में डुबकी लगाई। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने तट पर स्थित विभिन्न देवी-देवताओं के मंदिरों में पूजन अर्चन कर तीर्थ पुरोहितों को अन्न व द्रव्य दान कर कुटुंब के कल्याण की कामना की। इस दौरान पुलिस प्रशासन की अनुपस्थिति से घाट पर लोगों की काफी भीड़ रही यहां तक कि लोगों ने कोविड प्रोटोकॉल और लॉकडाउन के नियमों का भी पालन नहीं किया।

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वैश्विक महामारी को देखते हुए लाकडाउन लगाया गया है, सभी से घर में रहने व मास्क लगाने की अपील की जा रही है, लेकिन यह सब महज औपचारिकताओं में पूरा कराया जा रहा है। इसी के चलते बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान करने पहुंच गए और स्थानीय प्रशासन को भनक तक नहीं लगी। हालांकि तीर्थ पुरोहितों ने श्रद्धालुओं से शारीरिक दूरी का पालन कराया। मास्क लगाने व गंगा स्नान के बजाय गंगा दर्शन करने की अपील की

घाटों पर नहीं दिखी प्रशासन की व्यवस्था: घाटों पर पुलिस प्रशासन की व्यवस्था नहीं दिखी। स्नान के दौरान तीर्थ पुरोहितों के अपील के बावजूद लोग कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाते रहे, लेकिन स्थानीय प्रशासन बेफिक्र रहा।

बैसाख पूर्णिमा का महत्व: सनातन धर्म पीठ बड़ा मठ के महामंडलेश्वर स्वामी देवेंद्रानन्द गिरि ने बताया कि इस पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध की जयंती मनाई जाती है। इसी दिन भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। बौद्ध धर्म को मानने वालों के लिए यह बड़ा पर्व माना जाता है। हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार बैसाख पूर्णिमा को भगवान विष्णु ने भगवान बुद्ध के रूप में नौवां अवतार लिया था । पौराणिक मान्यताा के अनुसार इस दिन गंगा स्नान के बाद गरीबों को अन्नदान, फलदान देने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती  है।

एसडीएम बोले: उपजिलाधिकारी डलमऊ विजय कुमार ने कहा कि गंगा स्नान के दौरान घाटों पर पुलिस प्रशासन की गैर मौजूदगी की जानकारी नहीं है। कोतवाल से वार्ता कर तत्काल घाटों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती कर लॉक डाउन का पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं।


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