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मिट गए अंगूठे के निशान, कैसे करें खुद को जीवित साबित : पेंशनधारकों का छलका दर्द

उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार के पेंशनधारकों की संख्या 12 लाख। लखनऊ में हैं 80 हजार पेंशनधारक। यूपी में 18 हजार पेंशन धारकों ने डाक विभाग की सेवा से जीवित प्रमाण पत्र लिया। लखनऊ में यह संख्या दो हजार के आसपास है।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 09:26 AM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 02:02 PM (IST)
मिट गए अंगूठे के निशान, कैसे करें खुद को जीवित साबित : पेंशनधारकों का छलका दर्द
उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार के पेंशनधारकों की संख्या 12 लाख। लखनऊ में हैं 80 हजार पेंशनधारक।

लखनऊ [अजय श्रीवास्तव]। राजधानी के अलीगंज सेक्टर आई (ई/3,910) निवासी सुधा श्रीवास्तव 76 वर्ष की हैं, लेकिन खुद को जीवित साबित करने को लेकर परेशान हैं। उंगली और अंगूठे के निशान उम्र के साथ गायब हो गए हैं और बायोमैट्रिक वेरीफिकेशन में नहीं आ रहे हैं। चलने फिरने से लाचार हैं और कोरोना काल में कोषागार तक भी नहीं आ सकती है। लिहाजा उनका सुझाव है कि 75 वर्ष के उम्र के ऊपर के पेंशनधारकों को बायोमैट्रिक वेरीफिकेशन में आंखों को आधार बनाया जाए।

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यह दर्द सिर्फ सुधा जी का ही नहीं है, बल्कि तमाम बुजुर्ग परेशान हैं, जिन्हें 31 दिसंबर तक खुद को जीवित साबित कर प्रमाण पत्र लेना है और ऐसा न करने पर एक जनवरी से पेंशन बंद हो जाएगी। कोषागार कार्यालय में हर दिन ऐसे फोन आ रहे हैं कि वह क्या करें। कोषागार विभाग भी कर्मचारियों की उपलब्धता के अनुसार ही घर भेजकर जीवित होने का प्रमाण पत्र जारी कर रहा है लेकिन प्रदेश में 12 लाख और लखनऊ में 80 हजार पेंशनधारकों के घर पर कर्मचारियों को भेजना संभव नहीं हो पा रहा है।

70 रुपये खर्च पर 18 हजार ने लिया घर बैठे प्रमाण पत्र

अगर आपकी उंगली और अंगूठे के निशान नहीं मिटे हैं तो राज्य सरकार के पेंशनधारक को कोषागार दफ्तर तक आने की जरुरत नहीं है। अब जीवित प्रमाण पत्र पाने के लिए न दौड़भाग करनी होगी और नाही सिफारिश। घर बैठे ही यह सुविधा बहुत ही आसानी से मिल रही है। मात्र 70 रुपये शुल्क देखकर आप अपने जीवित प्रमाण पत्र को बनवा सकते हैं।

कोषागार विभाग और डाक विभाग के इस प्रयास से अब तक प्रदेश भर में करीब 18 हजार पेंशनधारकों को जीवित प्रमाण पत्र घर बैठे ही दिया है। फोन करने के बाद ही डाक विभाग की तरफ से कर्मचारी घर पहुंच जाएगा और बायोमैट्रिक वेरीफिकेशन कर लेगा। आधार कार्ड से यह वेरीफिकेशन लिंक हो जाएगा और भारत सरकार के जीवित प्रमाण पत्र पोर्टल से जुड़ जाएगा।

लखनऊ में इस नंबर पर सुविधा (डाकघर)

  • जीअीपो 9451065672
  • गोमतीनगर 9415510686
  • निरालानगर 9260997095
  • चौक 9415538732
  • अलीगंज9454672064
  • आवास विकास कॉलोनी 7905200661
  • राजेंद्र नगर 9415794642
  • इंदिरानगर 9415490520
  • आलमबाग 9415058897
  • विकास नगर 7905840426
  • एलडीए कॉलोनी 9598104312
  • महानगर 919748779
  • न्यू हैदराबाद 7309167480
  • टोल-फ्री नंबर 18001807980, 0522-2235746

कोरोना काल में खुद की भी सुरक्षा करें

जवाहर भवन कोषागार के मुख्य कोषाधिकारी स्वतंत्र कुमार का कहना है कि कोरोना काल में पेंशनधारक खुद की भी सुरक्षा करें और पास के साइबर कैफे या फिर डाक विभाग की सेवा से खुद को जीवित प्रमाण पत्र पा लें, इससे उन्हें आने जाने से राहत मिलेगी, जिन लोगों के अंगूठे और उंगली के निशान नहीं मिल रहे हैं, कोशिश होती है कि उनके घर कर्मचारी भेज दिया जाए या फिर वहीं पेंशनधारक ही कोषागार कार्यालय आएं, उससे भीड़ को कम किया जा सकेगा।

आंखों से होती है जांच

कोषागार विभाग के पास आंखों से आपके जीवित होने का प्रमाण पत्र देने वाली दो आइरिस डिवाइस है। मुख्य कोषाधिकारी बताते हैं कि जिनके अंगूठे के निशान नहीं मिलते हैं, उन्हें आइरिस डिवाइस से ही प्रमाण पत्र दिया जाता है। डाक विभाग से भी बात हो रही है कि आइरिस डिवाइस का उपयोग करे तो राहत होगी।


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