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14 साल से कम उम्र के बच्चों को अकेले न पार करने दे सड़क, इन बातों का रखें खास ध्यान

इस उम्र तक निर्णय लेने के लिए बच्चे नहीं हो पाते हैं परिपक्व। वाहनों की रफ्तार देखकर एकाएक दौड़कर पार करते हैं सड़क।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 07:03 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 07:03 PM (IST)
14 साल से कम उम्र के बच्चों को अकेले न पार करने दे सड़क, इन बातों का रखें खास ध्यान
14 साल से कम उम्र के बच्चों को अकेले न पार करने दे सड़क, इन बातों का रखें खास ध्यान

लखनऊ [सौरभ शुक्ला]। 14 साल से कम उम्र के बच्चों में निर्णय लेने की क्षमता नहीं होती है। उनकी मन: स्थिति में भटकाव होता है। इसलिए उन्हें अकेले सड़क न पार करने दें। ऐसी स्थिति में सड़क पार करते समय वह हादसे का शिकार हो सकते हैं। यह कहना है मनोवैज्ञानिक डॉ. पीके खत्री का।

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उन्होंने बताया कि बच्चों के अंदर आवश्यक मानसिक संयोजन और सटीक निर्णयन की क्षमता का विकास इस उम्र तक नहीं होता। बच्चे जब सड़क पार करते हैं तो सामने से आ रहे वाहनों की रफ्तार का अंदाजा उन्हें नहीं होता है। सड़क पार करने दौरान वह वाहनों की रफ्तार देखकर अक्सर डर जाते हैं। हड़बड़ाहट में वह आगे तो बढ़ते हैं पर एकाएक सामने से आ रहे वाहन को देखकर कभी रुक जाते हैं तो कभी दायें-बायें भागने लगते हैं अथवा दौड़कर सड़क पार करने की कोशिश करते हैं। जिसके कारण वह अकसर हादसे का शिकार हो जाते हैं।

पहले दायें फिर बायें फिर दायें देखे तब आगे बढ़ाएं कदम

सावधान! अगर आप पैदल सड़क पार करते समय पहले दायें फिर बायें और फिर दायें देखें उसके बाद आगे कदम बढ़ाए। अथवा जिधर से ट्रैफिक आ रहा हो उधर दो बार और उसके विपरीत दिशा में एक बार देख कर आगे बढ़े। यह कहना है कि रोड एएसपी ट्रैफिक रवि शंकर निम का। उन्होंने बताया कि अगर महानगरों में सड़क पार कर रहे हैं तो जेब्रा क्रासिंग से गुजरें। जहां, जेब्रा क्रासिंग नहीं है वहां पर तो सड़क पार करते समय विशेष सावधानी बरतें और सड़क के बायें फुटपाथ पर अथवा किराने चले। वहीं, बच्चों को अकेले सड़क कतई न पार करने दें। क्योंकि सामने और दायें, बायें से आ रहे वाहनों की रफ्तार का अंदाजा पैदल सड़क पार कर रहे व्यक्ति को नहीं होता है। जल्दबाजी में अथवा जरा सी लापरवाही सड़क पार करने में की तो आप हादसे का शिकार हो सकते हैं।

 

अभिभावक बच्चों को सिखाएं सड़क पार करना 

रोड सेफ्टी एक्सपर्ट सैय्यद एहतेशाम के मुताबिक, किसी भी बच्चे की पहली पाठशाला उसके घर से शुरू होती है। इसलिए अभिभावकों को चाहिए कि जब वह सड़क पर निकलें तो बच्चों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी अवश्य दें। उन्हें पैदल सड़क पार करना सिखाएं। क्योंकि बच्चे सबसे अधिक समय अपने माता-पिता के साथ ही बिताते हैं, वह उनकी बातों का जल्दी अनुसरण करते हैं। 

सड़क पार करते समय इन बातों का रखें खास ध्यान 

  • बच्चे को कभी घसीटते हुए सड़क पार न कराएं।
  • बच्चा को कभी ट्रैफिक की ओर न चलाएं। खुद ट्रैफिक की ओर रहें बच्चे को किनारे रखें। 
  • दौड़कर कभी सड़क न खुद पार करें और न ही बच्चे को ऐसा करने दें। 
  • डिवाइडर पर चढ़कर सड़क कतई न पार करें। 
  • पैदल सड़क पार कर रहे हैं तो जिधर से ट्रैफिक आ रहा है उधर दो बार देंखे और एक बार उसकी विपरीत दिशा में तब आगे बढ़े। 
  • सड़क पर चार से पांच लोग झुंड बनाकर न चलें।

अगर फुट ओवरब्रिज बना हो तो पैदल यात्री उसी का प्रयोग करें 

एआरटीओ रितु सिंह के मुताबिक राजधानी में लोहिया पथ, पॉलीटेक्निक चौराहा, इंजीनियङ्क्षरग कॉलेज चौराहा, चारबाग में पैदल यात्रियों के लिए सड़क पार करने के लिए फुट ओवरब्रिज बने हैं। इस लिए यहां जो लोग सड़क पार कर रहे हैं वह फुट ओवरब्रिज का ही इस्तेमाल करें। ऐसा करने से आप सुरक्षित रहेंगे और सड़क पर ट्रैफिक का दबाव भी कम होगा।


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