लखनऊ के अस्पतालों में वेंटिलेटर के लिए दर-दर भटका मरीज, दलाल के चंगुल में फंसने से गई जान
अयोध्या से लखनऊ रेफर किए गए मरीज को वेंटिलेटर की आस में राजधानी में भटकना पड़ा। केजीएमयू में वेंटिलेटर न मिलने का फायदा दलालों ने उठाया। दलाल उसे निजी अस्पताल लेकर पहुंच गए। निजी अस्पतालों के चक्कर में इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। अयोध्या से लखनऊ रेफर किए गए मरीज को वेंटिलेटर की आस में राजधानी में भटकना पड़ा। केजीएमयू में वेंटिलेटर न मिलने का फायदा दलालों ने उठाया। दलाल उसे निजी अस्पताल लेकर पहुंच गए। निजी अस्पतालों के चक्कर में इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई। घरवालों का आरोप है कि मरीज को केजीएमयू भेजा गया था। एंबुलेंस दलाल उसे दूसरे निजी ट्रामा सेंटर छोड़ आए।
अयोध्या के जिला अस्पताल से 28 वर्षीय मरीज हितेश को केजीएमयू के ट्रामा सेंटर भेजा गया था। मरीज को वेंटिलेटर की जरूरत थी। परिजन मरीज को लेकर केजीएमयू गए। वहां पर वेंटिलेटर खाली नहीं मिला। इसी बीच एंबुलेंस दलाल ने मरीज को राजा बाजार स्थित यूनाइटेट हास्पिटल एंड ट्रामा सेंटर में भर्ती करा दिया। वहां पर भर्ती के दौरान तीमारदारों ने दो दिन में करीब सवा लाख रुपये बिल वसूले जाने का आरोप लगाया है। परिजनों के पास रुपए खत्म हो गए तो सोमवार रात उसे दोबारा केजीएमयू ले गए। यहां होल्डिंग एरिया में लगे वेंटिलेटर फुल थे। ऐसे में मरीज को यहां शिफ्ट नहीं कराया जा सका। बाद में मरीज को परिजन दोबारा दूसरे निजी अस्पताल ले गए। मंगलवार सुबह इलाज दौरान मरीज की मौत हो गई।
परिजनों ने अस्पताल पर वेंटिलेटर के नाम पर मोटी रकम वसूले जाने समेत अन्य आरोप लगाए हैं। मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से करने की बात कही है। सीएमओ डा. मनोज अग्रवाल का कहना है कि मामले की जांच कराई जाएगी। जांच के दौरान मामला सही निकलने पर अस्पताल पर कार्रवाई की जाएगी।
वहीं अस्पताल के संचालक भूपेंद्र का कहना है कि तीमारदारों के आरोप बेबुनियाद हैं। वेंटिलेटर के नाम पर अधिक शुल्क नहीं लिया गया है। मरीज को अस्पताल में उचित इलाज मुहैया कराया गया है। परिवार के लोग मरीज की हालत अति गंभीर होने पर यहां लाए थे। इसके बाद मरीज को भर्ती कर उसका इलाज किया गया।