स्ट्रेचर पर घंटों रिसता रहा खून, मरीज की मौत Lucknow News
लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर में डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से मरीज की मौत हो गई।
लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में लापरवाही के सिलसिले नहीं थम रहे हैं। यहां 12 घंटे तक मरीज स्ट्रेचर पर पड़ा तड़पता रहा। उसके सिर से खून रिसता रहा। मगर, मुकम्मल इलाज नहीं मिला। अगले दिन मरीज को बलरामपुर अस्पातल रेफर कर दिया गया। जहां उसकी मौत हो गई। मामले की शिकायत परिजनों ने सीएम से पोर्टल पर की है।
बंथरा ज्ञानपुर निवासी नीरज (26) रविवार को छत से गिर गया था। रात 11 बजे हुए हादसे से घर में हड़कंप मच गया। नीरज के सिर में गंभीर चोटें आ गईं। खून से लथपथ नीरज को परिजन लेकर रात में ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। यहां सिटी स्कैन व अन्य जांच के लिए उसे घंटों दौड़ाया गया। परिजनों का आरोप है जांच में छह घंटे का समय लग गया। इस दरम्यान नीरज स्ट्रेचर पर पड़ा तड़पता रहा। उसके सिर से लगातार खून का रिसाव हो रहा था। नीरज को सांस लेने में तकलीफ होने लगी।
सांस लगी उखडऩे लगाया एंबुबैग
नीरज का अत्यधिक रक्तस्राव हो रहा था। वहीं इलाज भी नहीं मिल पा रहा था। ऐसे में सांस उखडऩे लगी। परिजनों ने डॉक्टरों से इलाज की फरियाद की। ऐसे में डॉक्टरों ने मरीज को वेंटिलेटर की जरूरत बताई। मगर, वेंटिलेटर नहीं मिल सका। इसके बाद मरीज को एंबुबैग लगा दिया गया।
पट्टी बांधकर छोड़ा, टांके तक नहीं लगाए
मरीज नीरज स्ट्रेचर पर पड़ा तड़पता रहा। भाई शिवशंकर व परिजन उसे बारी-बारी से एंबुबैग दबाकर ऑक्सीजन देते रहे। शिवशंकर का आरोप है कि ट्रॉमा के डॉक्टरों ने हालत गंभीर देख ड्रेसिंग कर दी। खून का रिसाव बंद करने के लिए टांके लगाना भी उचित नहीं समझा। ऐसे में पूरी रात नीरज के रक्तस्राव होता रहा। इसके बाद सोमवार को नीरज को बलरामपुर अस्पताल भेज दिया। यहां इलाज के दौरान नीरज की मौत हो गई। मामले की शिकायत परिजनों ने सीएम पोर्टल पर की। उन्होंने ट्रॉमा के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
ट्रॉमा सेंटर प्रवक्ता डॉ. संदीप तिवारी ने मामले की जानकारी से इन्कार किया है। उन्होंने कहा कि शिकायत मिलने पर मामले की जांच कराई जाएगी।