इलाज में लापरवाही से मौत का आरोप लगाया, तोड़फोड़ कर किया हंगामा
बसंत लाल की मौत के बाद रोते-बिलखते परिवारी जन मौत के बाद हुए हंगामे में तोड़ा गया दरवाजे का शीशा।
लखनऊ(जेएनएन)। केके हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मरीज बसंत लाल (50) की मौत से नाराज परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा व तोड़फोड़ किया। तीमारदारों का कहना था कि मौके पर डॉक्टर मौजूद नहीं था और इलाज में लापरवाही के चलते ही मौत हुई है। भारी संख्या में मौजूद लोगों ने अस्पताल घेर लिया और नारेबाजी करने लगे। मौके पर भारी पुलिस फोर्स भेजी गई।
अस्पताल के कर्मचारी जान बचाकर भागे और उन्होंने किसी तरह गेट बंद कर लिया। बवाल पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा। उधर अस्पताल के मालिक डॉ. केएम सिंह का कहना है कि मरीज का फेफड़ा गल गया था और तीमारदारों को पहले ही बता दिया गया था कि हालत ठीक नहीं है। उनसे इसकी लिखित सहमति भी ले ली गई थी। फिर भी तोड़फोड़ कर नुकसान पहुंचाया गया।
सआदतगंज के हर्षपुरम में रहने वाले बसंत लाल (50) को सांस लेने में दिक्कत होने के बाद दो दिन पहले केके हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। इनके बेटे अतुल कुमार सोनकर ने बताया कि ट्रॉमा सेंटर में बेड न होने की वजह से केके हास्पिटल में इलाज के लिए लाया गया था। दोपहर तक पिता की हालत ठीक थी। शाम करीब चार बजे मुझे बुलाया गया और किसी कागज पर बिना पूछे हस्ताक्षर करवा लिए गए। इसके बाद मुङो बाहर कर दिया गया। पिता बसंत लाल को इसके बाद इमरजेंसी में शिफ्ट कर दिया गया।
यहां उन्हें पेशाब लगी तो मॉस्क उताकर बाथरूम ले गए। यही नहीं थोड़ी देर बाद बताया गया कि हालत बिगड़ गई है इन्हें ट्रॉमा सेंटर ले जाओ। यहां करीब डेढ़ घंटे तक एंबुलेंस नहीं मिली। इसके बाद घर से कार मंगवाकर इन्हें ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया। तीमारदारों का आरोप है कि ट्रामा सेंटर में डॉक्टरों ने कहा कि अगर इन्हें पंद्रह मिनट पहले ले आए होते तो बचाया जा सकता था। फिलहाल इसके आक्रोशित तीमारदार शव लेकर केके अस्पताल पहुंचे और यहां हंगामा व तोड़फोड़ कर दिया।