Lucknow Coronavirus Vaccination: बच्चों को संक्रमण से बचाना है तो खुद अवश्य लगवाएं टीका
लोकबंधु अस्पताल के अस्थि रोग विशेषज्ञ डा. आलोक सोनकर कहते हैं जो वैक्सीन भारत में इस्तेमाल हो रही हैं उसका बच्चों पर कोई ट्रायल नहीं हुआ है। दुनियाभर में कुछ क्लिनिकल ट्रायल्स हो रहे हैं जिसमें बच्चों पर असर और सुरक्षा का स्तर जांचा जा रहा है।
लखनऊ, [कुमार संजय]। 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए फिलहाल कोई टीका नहीं है, ऐसे में बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए परिवार के वयस्कों को टीका लगाकर सुरक्षित होना होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों को टीका न देने की पीछे कारण यह है कि बच्चों में वैक्सीन के असर की जांच नहीं हो पाई है। एकमात्र उपाय यही है कि बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए उनके साथ रह रहे सभी वयस्क टीकाकरण कराएं। लोकबंधु अस्पताल के अस्थि रोग विशेषज्ञ डा. आलोक सोनकर कहते हैं जो वैक्सीन भारत में इस्तेमाल हो रही हैं, उसका बच्चों पर कोई ट्रायल नहीं हुआ है। दुनियाभर में कुछ क्लिनिकल ट्रायल्स हो रहे हैं, जिसमें बच्चों पर असर और सुरक्षा का स्तर जांचा जा रहा है। जब तक ट्रायल्स पूरे नहीं हो जाते, यह वैक्सीन बच्चों के लिए पूरी तरह सुरक्षित और इफेक्टिव साबित नहीं होती, तब तक हमें इंतजार करना होगा।
डा. आलोक कहते हैं कोरोना वायरस हर आयुवर्ग को प्रभावित करता है। अभिभावकों को अपने बच्चों से बात करनी चाहिए और उनके सवालों का जवाब देकर उनके डर को कम करना चाहिए। यह भी तय करें कि उनके बच्चे ऐसे बच्चों के साथ खेलें, जिनके परिवार में सभी वयस्कों ने वैक्सीन लगवाई हो और जो हमेशा कोरोना से बचने के उपायों का सख्ती से पालन करते हैं।
देखा जा रहा है कि जो लोग शारीरिक रूप से ज्यादा सक्रिय हैं और पौष्टिक भोजन कर रहे हैं, उनमें संक्रमण की गंभीरता कम है। बच्चों की एक्टिविटी का स्तर अन्य के मुकाबले अधिक रहता है, जिससे उन्हेंं इन्फेक्शन ज्यादा परेशान नहीं कर रहा है। वैक्सीन लगने के बाद भी शारीरिक दूरी और मास्क लगाने के नियमों की अनदेखी न करें।