पैराथायरॉयड का इलाज अब हआ आसान, एक ऑपरेशन से ही मिल जाएगीी निजात Lucknow News
लोहिया संस्थान में तीन बार के बजाय एक ऑपरेशन से ही बीमारी से मिल सकेगी निजात।
लखनऊ, जेएनएन। लोहिया संस्थान में अब पैराथायरॉयड का इलाज आसान हो गया है। ऐसे में मरीजों को तीन बार के बजाय एक बार के ऑपरेशन से ही अब इस बीमारी से निजात मिल सकेगी। इंडोक्राइन सर्जरी विभाग के शोध में इसके सार्थक परिणाम हासिल हुए हैं।
लोहिया संस्थान के इंडोक्राइन सर्जरी विभाग की अध्यक्ष डॉ. रोमा प्रधान के मुताबिक गले के पास पैराथायरॉयड की चार ग्रंथियां होती हैं। इनमें गड़बड़ी से मरीज की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। वहीं, कैल्शियम खून के माध्यम से शरीर के अन्य अंगों में पहुंचने लगता है। इससे गुर्दे में पथरी, पैंक्रिएटाइटिस की समस्या होने लगती है। अभी तक ऑपरेशन कर एक ग्रंथि को हटा दिया जाता है। वहीं, खून की जांच कुछ दिनों के अंतराल पर कराते थे। ऐसे में हार्मोन का स्तर बढऩे पर दोबारा या तीसरी बार ऑपरेशन कर ग्लैंड (ग्रंथि) को हटाते थे।
अभी पीजीआइ में है यह तकनीक
वहीं, अब पीजीआइ के साथ पैराथायरॉयड के 83 मरीजों पर शोध किया। इसमें पहले ऑपरेशन के कुछ अंतराल में खून की जांच करा ली जाती है। ऐसे में हार्मोन का स्तर पर बढऩे पर दूसरी ग्लैंड को भी तुंरत निकाल देते हैं। बार-बार सर्जरी का झंझट खत्म होता है। पीजीआइ में इस प्रक्रिया से कई सर्जरी हुईं। अब इस तकनीक से लोहिया संस्थान में भी उपचार शुरू किया गया है।