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पराली जलाना पड़ा महंगा, एफआइआर

लखनऊ जेएनएन। खेतों में पराली जलाना किसानो को महंगा पड़ने लगा है। नगराम में संजय सिंह ने था

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Nov 2020 01:39 AM (IST)Updated: Thu, 05 Nov 2020 01:39 AM (IST)
पराली जलाना पड़ा महंगा, एफआइआर
पराली जलाना पड़ा महंगा, एफआइआर

लखनऊ, जेएनएन। खेतों में पराली जलाना किसानो को महंगा पड़ने लगा है। नगराम में संजय सिंह ने थाने में पराली जलाने के विरुद्ध अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है, वहीं मोहनलालगंज के अचली खेड़ा निवासी अशोक कुमार और इसी गांव के रामसेवक के विरुद्ध मोहनलालगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। सरोजनीनगर में तहसीलदार की ओर से बिजनौर के विनोद कुमार सिंह व राजू पर 2500 रुपये का जुर्माना लगाया है।

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उप कृषि निदेशक डॉ.सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि सभी किसानों को पराली न जलाने और उससे होने वाले नुकसान की जानकारी दी जा रही है। इसके बावजूद किसान मान नहीं रहे हैं। इसकी वजह से उनके विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।

पराली न जलाने से बचेंगे 20 हजार : डॉ.सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार पराली न जलाने पर 20 हजार रुपये प्रति एकड़ की बचत होती है और इसका फायदा सीधे किसानों को होता है। खाद की मात्रा कम होने के साथ ही मिट्टी के पोषकतत्व कम नहीं होते हैं। अगर किसान पराली जलाता है तो उसे नुकसान के साथ ही आर्थिक दंड भी भरना पड़ सकता है। न्यायालय के आदेश पर पराली जलाने पर 2500 रुपये से लेकर 15 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। राजधानी में 187 गांवों में वॉल पेंटिग के माध्यम से किसानों को जागरूक किया जा रहा है। जिला कृषि अधिकारी ओपी मिश्रा और जिला कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह की ओर से भी गोष्ठियों के माध्यम से किसानों को जागरूक किया जा रहा है। पराली से कृषि योग्य भूमि के ऊसर में तब्दील होने की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं।


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