पद्मश्री कृष्ण राम चौधरी का हार्ट अटैक से निधन, बेटे ने की विशेष हेल्थ कार्ड की मांग
74 वर्षीय शहनाई वादक कृष्ण राम चौधरी को 2017 में पद्मश्री अवॉर्ड से किया गया था अलंकृत। ट्रॉमा सेंटर में दोपहर एक बजे ली अंतिम सांस, वाराणसी में nkहोगा अंतिम संस्कार।
लखनऊ, जेएनएन। मशहूर शहनाई वादक व पद्मश्री अवॉर्ड से अलंकृत कृष्णा राम चौधरी (74) का बुधवार दोपहर करीब 1:10 मिनट पर केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में निधन हो गया। उनकी मृत्यु हार्ट अटैक से हुई। निधन के बाद उनकी पत्नी राधा देवी व चार बेटों का रो-रो कर बुरा हाल है। सबसे छोटे बेटे जयशंकर चौधरी ने बताया कि वह बीते कई सालों से प्रयागराज के कर्नलगंज में परिवार के साथ रह रहे थे, जबकि उनका पैतृक आवास वाराणसी में है। गुरुवार को वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर सुबह दस बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
आठ जनवरी को लाए गए थे पीजीआइ
कृष्णा राम चौधरी को आंत में इंफेक्शन होने के कारण बीती आठ जनवरी को प्रयागराज से सीधे पीजीआइ लाया गया था। यहां इमरजेंसी में इन्हें भर्ती करने से मना कर दिया गया था। इसके बाद केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर लाया गया और शाम को डॉक्टरों ने उनका ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद उन्हें वेंटीलेटर की जरूरत थी जिसे केजीएमयू प्रशासन उपलब्ध नहीं करा सका था।
हालत में आ चुका था सुधार, अचानक पड़ा हार्ट अटैक
गृह मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद उन्हें 10 जनवरी को वेंटीलेटर भी मिल गया। इसके बाद आरआइसीयू में उनका इलाज चल रहा था। इलाज कर रहे डॉक्टरों की टीम के प्रमुख डॉ. वेद प्रकाश ने बताया कि आंतें आपस में उलझने और इंफेक्शन होने के कारण उनका ऑपरेशन किया गया था जो सफल रहा था। इसके बाद वह पूरी तरह ठीक भी हो गए थे। बुधवार को सुबह तक वह पूरी तरह होश में थे लेकिन इसके बाद उन्हें हार्ट अटैक पड़ गया। बीपी लगातार नीचे जाने लगा और दोपहर करीब 1:10 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
बेटे ने की विशेष हेल्थ कार्ड की मांग
बेटे जयशंकर चौधरी ने सरकार से मांग की है कि देश में जितने भी पद्म अवार्डी हैं उन्हें एक विशेष हेल्थ कार्ड दिया जाए ताकि उन्हें कहीं भी इलाज के लिए भटकना ना पड़े। उन्होंने कहा कि इलाज से वह संतुष्ट हैं। वह लगभग ठीक भी हो गए थे, लेकिन अचानक से हार्ट अटैक पडऩे से उनका निधन हो गया।
16 साल की उम्र में ही मिल गया था राष्ट्रपति पुरस्कार
पद्मश्री से अलंकृत कृष्णा राम चौधरी को विश्व विख्यात शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खां के समकालीन माना जाता है। उन्हें 13 अप्रैल 2017 को पद्मश्री अवार्ड से अलंकृत किया गया था। वहीं वर्ष 1961 में उन्हें 16 साल की उम्र में ही राष्ट्रपति पुरस्कार मिला। इसके अलावा यूपी संगीत नाटक अकादमी व केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार भी मिल चुका है।