पद्म पुरस्कार 2022 : कल्याण सिंह व राधेश्याम खेमका को मरणोपरांत पद्म विभूषण, यहां देखें- यूपी के सम्मानित विभूतियों की लिस्ट
Padma Awards 2022 पद्म विभूषण सम्मान के लिए चयनित चार नामों में दो विभूतियां उत्तर प्रदेश की हैं। भाजपा नेता व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और गीताप्रेस गोरखपुर के अध्यक्ष रहे राधेश्याम खेमका को पद्म विभूषण सम्मान मरणोपरांत दिया गया है।
लखनऊ, जेएनएन। केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कार 2022 की घोषणा की है। इसमें पद्म विभूषण सम्मान के लिए चयनित चार नामों में दो विभूतियां उत्तर प्रदेश की हैं। भाजपा नेता व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (सार्वजनिक मामले) और गीता प्रेस गोरखपुर के अध्यक्ष और सनातन धर्म की प्रसिद्ध पत्रिका कल्याण के संपादक राधेश्याम खेमका (साहित्य और शिक्षा) को पद्म विभूषण सम्मान मरणोपरांत दिया गया है। वहीं, पद्म भूषण से दो और पद्म श्री से दस विभूतियों को अलग-अलग क्षेत्रों में अभूतपूर्व योगदान के लिए सम्मानित किया गया है।
पद्म भूषण से भी उत्तर प्रदेश की दो हस्तियों को सम्मानित किया जाएगा। इनमें पहला नाम राशिद खान का है। जिन्हें कला के लिए यह सम्मान मिला है। वहीं वशिष्ठ त्रिपाठी को साहित्य और शिक्षा के लिए पुरस्कार दिया गया है। इसी प्रकार पद्म श्री से कमलिनी अस्थाना और नलिनी अस्थाना (जोड़ी) को कला के लिए सम्मानित किया गया है। इसी लिस्ट में शिवनाथ मिश्र (कला), शीश राम (कला), सेठ पाल सिंह (कृषि), विद्या विंदु सिंह (साहित्य और शिक्षा), शिवानंद (योग), अजय कुमार सोनकर (विज्ञान एवं अभियांत्रिकी) अजिता श्रीवास्तव (कला) और डॉ. कमलाकर त्रिपाठी (चिकित्सा) के नाम शामिल हैं।
कल्याण सिंह (पद्म विभूषण) : उत्तर प्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का जन्म 6 जनवरी, 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले की अतरौली तहसील के मढ़ौली गांव में हुआ था। कल्याण सिंह दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 1991 में पहली बार कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और दूसरी बार 1997 में मुख्यमंत्री बने थे। उनका निधन 21 अगस्त को लखनऊ में इलाज के दौरान हो गया था। एक साधारण किसान परिवार में जन्मे कल्याण सिंह बचपन में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गये थे।
राधेश्याम खेमका (पद्म विभूषण) : गीता प्रेस गोरखपुर के अध्यक्ष और सनातन धर्म की प्रसिद्ध पत्रिका कल्याण के संपादक राधेश्याम खेमका उत्तर प्रदेश के वाराणसी के निवासी थे। मृदुल वाणी के लिए प्रसिद्ध राधेश्याम खेमका के पिता सीताराम खेमका मूलतः बिहार के मुंगेर जिले से वाराणसी आए थे। बीएचयू से उन्होंने पढ़ाई की थी। अप्रैल 2021 में केदारघाट स्थित अपने आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली। राधेश्याम खेमका ने 40 वर्षों से गीता प्रेस में अपनी भूमिका का निर्वाहन करते हुए अनेक धार्मिक पत्रिकाओं का संपादन किया।