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Oxygen Crisis in UP: विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों में तलाश रहे ऑक्सीजन उत्पादन की संभावनाएं

Oxygen Crisis in UP शासन ने कुलपतियों प्राचार्यों से मांगी जानकारी। बेतहाशा बढ़ी मांग से निपटने को उच्च शिक्षा विभाग ने उठाया कदम। सभी राज्य व निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और समस्त राजकीय अनुदानित व निजी महाविद्यालयों के प्राचार्यों को आदेश जारी कर उनसे यह जानकारी मांगी गई।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 12:44 PM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 12:44 PM (IST)
Oxygen Crisis in UP: विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों में तलाश रहे ऑक्सीजन उत्पादन की संभावनाएं
Oxygen Crisis in UP : शासन ने कुलपतियों, प्राचार्यों से मांगी जानकारी।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। Oxygen Crisis in UP : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से दो-दो हाथ करने को प्रदेश सरकार हर संभव प्रयास में लगी है। वायरस संक्रमण की दूसरी लहर में बेतहाशा बढ़ी ऑक्सीजन की मांग से निपटने के लिए सरकार चौतरफा हाथ-पांव मार रही है। इस सिलसिले में उच्च शिक्षा विभाग भी हरकत में आया है और उसने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देखा है।

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उच्च शिक्षा विभाग की ओर से सभी राज्य व निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, और समस्त राजकीय, अनुदानित व निजी महाविद्यालयों के प्राचार्यों को आदेश जारी कर उनसे यह जानकारी मांगी गई है कि क्या उनके संस्थान के रसायन विज्ञान या अन्य किसी विभाग में ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा सकता है? विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों से कहा गया है कि वे अपने संस्थान में ऑक्सीजन उत्पादन या इससे जुड़ी अन्य जानकारी गूगल फॉर्म में तत्काल उपलब्ध कराएं ताकि स्वास्थ्य विभाग की मदद से कोरोना महामारी की रोकथाम में इसका उपयोग किया जा सके।

ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ी, रिकार्ड 994 मीट्रिक टन की आपूर्ति: जब देश के हर कोने में ऑक्सीजन की किल्लत लगातार बढ़ रही है, तब शासन सूबे में इसकी आपूर्ति के लिए अपने प्रयासों को लगातार बढ़ा भी रहा है। बीते 24 घंटे में प्रदेश में रिकार्ड 994.83 मीट्रिक टन आक्सीजन की आपूर्ति की गई है। इसके साथ ही सेल्फ प्रोडक्शन के तहत एयर सेपरेटर्स यूनिट्स के जरिए 78.46 मीट्रिक टन आक्सीजन की आपूर्ति भी सुनिश्चित की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में आक्सीजन की सप्लाई बढ़ाने के लिए और प्रयास किए जाने के निर्देश दिए हैं। 

अपर मुख्य सचिव, गृह, अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में एक दिन में 586.58 मीट्रिक टन आक्सीजन की आपूर्ति रीफिलर्स को खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन विभाग की ओर से की गई है। शासन के प्रयासों से 318.36 मीट्रिक टन आक्सीजन की सप्लाई प्रदेश के मेडिकल कालेजों व चिकित्सा संस्थानों को तथा 89.89 मीट्रिक टन आक्सीजन की आपूर्ति आक्सीजन सप्लायर्स द्वारा सीधे निजी चिकित्सालयों को की गई है। इस प्रकार कुल 994.83 मीट्रिक टन से अधिक आक्सीजन की सप्लाई सूबे के सरकारी व निजी अस्पतालों में की गई। 

अवस्थी ने बताया कि जीवन रक्षक ट्रेन से जमशेदपुर से कुल 80 मीट्रिक टन क्षमता के 10 आक्सीजन टैंकर लखनऊ पहुंचे। इसी प्रकार कानपुर के लिए छह टैंकर लगभग 48 मीट्रिक टन क्षमता के उपलब्ध कराए गए। डीआरडीओ लखनऊ के अस्पताल के लिए भी पर्याप्त आक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। कानपुर के लिए रविवार को 80 मीट्रिक टन आक्सीजन एक विशेष रेल के माध्यम से पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ के लिए जामनगर, गुजरात से 80 मीट्रिक टन के टैंकर आक्सीजन लेकर पहुंचे। गृह विभाग में स्थापित विशेष कंट्रोल रूम के माध्यम से आक्सीजन आपूर्ति व्यवस्था की आनलाइन मानीटङ्क्षरग की जा रही है। कंट्रोल रूम में गृह विभाग, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी समन्वय बनाकर लगातार काम कर रहे हैं।


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