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Ayodhya Parikrama 2020: फिर पाबंदियों में जकड़ेगी अयोध्या, कार्तिक मेले में बाहरी श्रद्धालुओं की नो-इंट्री

Ayodhya Parikrama 2020 देश के अन्य प्रांतों में कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए एहतियाती तौर पर यह कदम उठाया गया है। कार्तिक मेले में दीपोत्सव से भी घनी पाबंदियां देखने को मिलेंगी। परिक्रमार्थियों को रोकने में पड़ोसी जिलों की पुलिस भी करेगी सहयोग।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2020 04:43 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 06:47 AM (IST)
Ayodhya Parikrama 2020: फिर पाबंदियों में जकड़ेगी अयोध्या, कार्तिक मेले में बाहरी श्रद्धालुओं की नो-इंट्री
Ayodhya Parikrama 2020: चौदहकोसी और पंचकोसी परिक्रमा में भी बाहरी श्रद्धालुओं को शामिल होने की अनुमति नहीं होगी।

अयोध्या, (रविप्रकाश श्रीवास्तव)। Ayodhya Parikrama 2020: दीपोत्सव में कठोर पाबंदियां देख चुकी रामनगरी एकबार फिर कड़े पहरे में होगी। कार्तिक मेला में इसबार सदियों की परंपरा टूटेगी। कोरोना संक्रमण को देखते हुए मेले का स्वरूप देश व्यापी न होकर स्थानीय होगा। कार्तिक मेला के मुख्य पर्व चौदहकोसी और पंचकोसी परिक्रमा में भी बाहरी श्रद्धालुओं को शामिल होने की अनुमति नहीं होगी।

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परिक्रमा में प्रतिवर्ष देश के कोने-कोने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु रामनगरी पहुंचते हैं। बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी परिक्रमा के दौरान रामनगरी की अध्यात्मिक आभा देखने के लिए इस धार्मिक आयोजन में शामिल होते हैं। देश के अन्य प्रांतों में कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए एहतियाती तौर पर यह कदम उठाया गया है। कार्तिक मेले में दीपोत्सव से भी घनी पाबंदियां देखने को मिलेंगी। जिले की सीमा से यातायात डायवर्ट होना भी तय माना जा रहा है। श्रद्धालुओं को समझाने के लिए शांति कमेटी की बैठकों के माध्यम से उनसे अपील की जा रही है।

सीमावर्ती जिलों के पुलिस-प्रशासन को भी इसी प्रकार शांति कमेटी की बैठकें आयोजित करने के लिए कहा गया है। सुरक्षा तंत्र का मानना है कि राममंदिर भूमि पूजन के बाद कार्तिक मेले में इसबार पिछले वर्षों से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। कोरोना संक्रमण जन स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा है। ऐसे में कोविड प्रोटोकॉल के तहत इसे नियंत्रित किया जाना आवश्यक है। सुरक्षा तंत्र की ओर से सीमावर्ती जिलों गोंडा, बस्ती, अंबेडकरनगर, सुल्तानपुर, अमेठी, बाराबंकी जिलों के बैरियर व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है।

डीआइजी दीपक कुमार की पड़ोसी जिलों के पुलिस कप्तानों से वार्ता भी हो चुकी है। समन्वय स्थापित करने के लिए अंतरजनपदीय वाट्सएप ग्रुप बनाया जा चुका है। सुरक्षा तंत्र को एक हजार अतिरिक्त फोर्स की आवश्यकता है,  जिसमें पैरामिलिट्री फोर्स, पीएसी व कमांडो दल भी शामिल है। रामनगरी में अभी तक 80 बैरियर लगाए जा चुके हैं। कोरोना संक्रमण के कारण ही इस वर्ष रामनवमी मेला, सावन मेला, राममंदिर भूमि पूजन और दीपोत्सव भी पाबंदियों में हुआ।

22 व 25 नवंबर को है परिक्रमा

चौदहकोसी परिक्रमा 22 नवंबर की रात से प्रारंभ होगी। यहीं से कार्तिक मेला की शुरुआत मानी जाती है।   पंचकोसी परिक्रमा 25 नवंबर को है, जबकिकार्तिक पूर्णिमा स्नान 30 नवंबर को होगा। स्नान में भी बाहरी श्रद्धालुओं को शामिल होने की अनुमति नहीं है।

'कोरोना संक्रमण को देखते हुए कार्तिक मेले में इसबार बाहरी श्रद्धालुओंको आयोध्या आने की अनुमति नहीं होगी। जिले की सीमा पर बैरियर व्यवस्था बढ़ाई जा रही है। पड़ोसी जिले के प्रशासन और पुलिस से समन्वय बनाकर कार्य किया जाएगा। यातायात डायवर्जन की प्लानिंग के साथ होटल, ढाबों, वाहनों की निरंतर चेकिंग के निर्देश दिए गए हैं।'  -दीपक कुमार, डीआइजी 


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