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सेहत से खिलवाड़...दीपावली पर मिलावटखोरों ने काटी चांदी, जांच में 65 फीसद नमूने फेल

दीपावली के मौके पर 17 अक्टूबर से लेकर 26 अक्टूबर तक विशेष अभियान चलाया गया और इन नमूनों की जन विश्लेषक प्रयोगशालाओं में प्राथमिकता से जांच की गई।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 04 Nov 2019 08:02 PM (IST)Updated: Mon, 04 Nov 2019 08:03 PM (IST)
सेहत से खिलवाड़...दीपावली पर मिलावटखोरों ने काटी चांदी, जांच में 65 फीसद नमूने फेल
सेहत से खिलवाड़...दीपावली पर मिलावटखोरों ने काटी चांदी, जांच में 65 फीसद नमूने फेल

लखनऊ, जेएनएन। दीपावली में खाद्य पदार्थों में मिलावट का बाजार गर्म रहा। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की जांच रिपोर्ट तो यही बताती है। मिलावटखोरों ने खूब चांदी काटी। विभिन्न जिलों में खाद्य निरीक्षकों की टीम ने खोया, दूध, मिठाई, तेल व चीनी के खिलौने इत्यादि के 3008 नमूने लिए इसमें से 65 फीसद यानी 1955 नमूने जांच में फेल हो गए।

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दूध और दुग्ध पदार्थों में खतरनाक व जानलेवा मिलावट की गई। इसमें केमिकल का प्रयोग कर नकली फैट बनाने और झाग के लिए डिटरजेंट पाउडर तक मिलाया गया। मिठाइयों में घातक रंग मिलाए गए। वहीं जांच टीमों ने 3.29 करोड़ रुपये के नकली खाद्य पदार्थ नष्ट व जब्त किए गए। दीपावली के मौके पर 17 अक्टूबर से लेकर 26 अक्टूबर तक विशेष अभियान चलाया गया और इन नमूनों की जन विश्लेषक प्रयोगशालाओं में प्राथमिकता से जांच की गई।

खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ. अनीता भटनागर जैन ने बताया कि विभिन्न जिलों में खाद्य पदार्थों के नमूने लेने के लिए 2553 छापे मारे और टीम ने 3008 नमूने भरे। खाद्य पदार्थों के जो 1955 नमूने फेल हुए, उनमें 225 नमूने असुरक्षित पाए गए यानी इसमें खतरनाक केमिकल व अन्य घटिया सामग्री मिलाई थी, इसे खाने से लोगों की जान भी जा सकती है। वहीं 1218 खाद्य पदार्थों के नमूने अधोमानक पाए गए यानी यह निर्धारित मानकों पर खरे नहीं थे। इसी तरह 511 नमूने मिस ब्रांड यानी इसमें एक्सपायरी डेट व अन्य जरूरी जानकारियां नहीं थी।

जिन नमूनों का विश्लेषण हुआ उनमें मिठाई के सर्वाधिक 59 फीसद नमूने फेल हुए। इसमें दुग्ध फैट नहीं पाया गया बल्कि केमिकल के प्रयोग व अन्य स्रोत से नकली फैट तैयार किया गया और घातक रंगों का प्रयोग हुआ। वहीं दूध व दुग्ध पदार्थों के 51.3 फीसद नमूने फेल हो गए और इसमें भी अन्य स्रोतों से नकली फैट तैयार किया गया और झाग के लिए डिटरजेंट पाउडर तक का प्रयोग किया गया। तेल व वनस्पति घी के भी आधे नमूने फेल हो गए इसमें सिंथेटिक रंग मिलाया गया। नमकीन खाद्य सामग्री के नमूनों में ज्यादातर में मिस ब्रांडिंग पाई ही गई। फिलहाल मिलावटखोरों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।


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