लखनऊ में सन अस्पताल के खिलाफ FIR के आदेश, आक्सीजन होने के बावजूद मरीजों को नहीं कर रहा था भर्ती
जांच में सामने आया कि अस्पताल के पास आक्सीजन का पर्याप्त स्टाक था इसके बावजूद संचालक ने अपने फायदे और मरीजों से वसूली करने के चक्कर में इंटरनेट मीडिया पर आक्सीजन की कमी को प्रचारित करके भय दिखाने का काम किया।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों में मरीजों से लूट के मामले में जागरण के अभियान जबरदस्त असर हुआ। प्रशासन ने गोमतीनगर स्थित सन अस्पताल के खिलाफ आपदा एक्ट में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। सन अस्पताल पर गंभीर आरोप हैं कि आक्सीजन नहीं होने का भय दिखाकर मरीजों को भर्ती नहीं करने और पिफर मनमाने तरीके से उगाही करने का प्रयास किया।
जागरण में छपी खबर आप ही बताइये क्या यह लूट नहीं खबर का संज्ञान लेते हुए डीएम अभिषेक प्रकाश ने एसडीएम सदर को जांच का आदेश दिया था। एसडीएम सदर प्रफुल्ल त्रिपाठी के मुताबिक जांच में पाया कि अस्पताल में बहुत कुछ गलत हो रहा है। जांच में सामने आया कि अस्पताल के पास आक्सीजन का पर्याप्त स्टाक था इसके बावजूद संचालक ने अपने फायदे और मरीजों से वसूली करने के चक्कर में इंटरनेट मीडिया पर आक्सीजन की कमी को प्रचारित करके भय दिखाने का काम किया।
दरअसल सन अस्पताल के खिलाफ बीते दिनों एक मरीज वेद प्रकाश ने गोमतीनगर थाने में शिकायत की थी कि भर्ती होने के बावजूद सही तरीके से इलाज नहीं किया और आक्सीजन नहीं होने का भय दिखाकर पैसे वसूलते रहे। वेद प्रकाश दूसरे अस्पताल चलेे गए तो पैसे वापस करने में आनाकानी करते रहे। इस तरह की तमाम शिकायतें सन अस्पताल के खिलाफ थीं। हैरत की बात है कि स्थानीय पुलिस हर मामले को थाने के बाहर ही निपटा रही थी। अब तक सन अस्पताल के खिलाफ थाने में कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई।