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UP Transport Corporation: लखनऊ से चलने वाली 23 लग्जरी स्कैनिया का संचालन बंद, रोडवेज सेवाएं भी प्रभावित; जानें क्या है पूरा मामला

UP Transport Corporation लगातार नुकसान दे रही अनुबंधित लग्जरी स्कैनिया बसों को बंद कर दिया गया है। राजधानी से विभिन्न जिलों और प्रदेश के बीच चलने वाली लखनऊ रीजन की 23 बसें बंद कर दी गई हैं। तमाम दावों के बाद स्कैनिया बसों को यात्री नहीं मिल पा रहे हैं।

By Vikas MishraEdited By: Published: Fri, 03 Sep 2021 08:11 AM (IST)Updated: Fri, 03 Sep 2021 12:05 PM (IST)
UP Transport Corporation: लखनऊ से चलने वाली 23 लग्जरी स्कैनिया का संचालन बंद, रोडवेज सेवाएं भी प्रभावित; जानें क्या है पूरा मामला
यूपी में पिछले करीब तीन माह से स्कैनिया बसों को भरपूर यात्री नसीब नहीं हो पा रहे हैं।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। काेराेना काल में लगातार नुकसान दे रही अनुबंधित लग्जरी स्कैनिया बसों को बंद कर दिया गया है। राजधानी से विभिन्न जिलों और प्रदेश के बीच चलने वाली लखनऊ रीजन की 23 बसें बंद कर दी गई हैं। तमाम दावों के बाद भी स्कैनिया बसों को यात्री नहीं मिल पा रहे हैं। अधिकारियों का मानना है कि काेरोना काल रोडवेज पर भारी पड़ा है। ये बसें लखनऊ से दिल्ली प्रदेश और जयपुर के बीच चल रही थीं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, वाराणसी, बलिया आदि रूटों पर यह अनुबंधित सेवाएं दौड़ रही थीं। 

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लखनऊ क्षेत्र को 87 लाख से अधिक की चपतः पिछले करीब तीन माह से स्कैनिया बसों को भरपूर यात्री नसीब नहीं हो पा रहे हैं। क्षेत्रीय प्रबंधक पल्लव बोस बताते हैं कि 87 लाख रुपये से अधिक का नुकसान रोडवेज उठा चुका है। यात्रियों की अनुपलब्धता के चलते पिछले दो साल से लगातार घाटा बना हुआ है। राजधानी की कौन कहे जिन क्षेत्रों में स्कैनिया बसें चल रही हैं। उनमें से ज्यादातर बंद हो चुकी है। प्रदेश में पिछले दो साल में कई करोड़ का नुकसान हो चुका है।

गाजियाबाद से चलने वाली डेढ़ दर्जन सेवाएं पहले ही हो चुकी हैं बंदः गाजियाबाद के आरएम एके सिंह बताते हैं कि 16 स्कैनिया बसें पिछले साल बंद हो चुकी हैं। कुछ को फिर से चलाया गया लेकिन यात्री नहीं मिल रहे हैं।

घाटे का एक बड़ा कारण डीजल की दरों में बढ़ोत्तरी भीः जिस वक्त उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम से स्कैनिया बसों का अनुबंध किया गया था उस वक्त डीजल की दरें तकरीबन 54 रुपये लीटर थीं। लेकिन अब डीजल का मूल्य बढ़कर 86 रुपये लीटर तक पहुंच गया है। आरएम पल्लव बोस के मुताबिक कुछ कारणों के अलावा यह एक बड़ा कारण है। उनका कहना है कि अभी सभी अंतर्राज्यीय सेवाएं पूरी तरह से सभी रूटों पर दौड़ नहीं पाई हैं।


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