Positive India: कोरोना में अस्पताल ही मुहैया कराएगा ब्लड, पंजीकृत डोनर करेगा ब्लड डोनेशन
लॉकडाउन में भर्ती कोरोना के मरीजों के लिए केवल पंजीकृत डोनर ही देंगे ब्लड परिवारीजन नहीं दे सकेंगे ब्लड।
लखनऊ[ संदीप पांडेय]। लॉकडाउन में ब्लड का संकट बढ़ रहा है, मगर कोरोना महामारी में स्टॉक मेनटेन रखना होगा। इसके लिए पंजीकृत डोनर को कॉल कर बुलाने का फरमान सुनाया गया है। वहीं, अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों को आवश्यकता पड़ने पर ब्लड के अवयव मुहैया कराने पड़ेंगे। इसके लिए परिवारजन से रक्तदान भी नहीं कराया जाएगा।
यूपी में सरकारी और निजी 350 ब्लड बैंक हैं। इसमें 99 सरकारी ब्लड बैंक हैं। लॉकडाउन में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में ब्लड बैंकों में रक्त के अवयवों का स्टॉक गड़बड़ा रहा है। ऐसे में यूपी की ब्लड सेफ्टी संयुक्त निदेशक डॉ. गीता अग्रवाल ने शनिवार को फरमान जारी किया। उन्होंने कहा है कि ब्लड बैंकों को स्टॉक मेनटेन रखने के निर्देश दिए गए हैं। इस दौरान अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों को आवश्यकता पड़ने पर बगैर डोनर ब्लड उपलब्ध कराना होगा।
परिवारजन से संक्रमण का खतरा: डॉ. गीता के मुताबिक, कोरोना मरीज के परिवारजन में संक्रमण का खतरा रहता है। ऐसे में गंभीर मरीज को उपचार करने वाले डॉक्टर की डिमांड पर बेड पर ही रक्त अवयव उपलब्ध कराया जाएगा। मरीजों में अधिकतर प्लाज्मा की आवश्यकता होती है। सरकारी अस्पतालों में मुफ्त अवयव मुहैया कराया जाएगा।
ऑनलाइन करें ब्लड का स्टॉक : डॉ. गीता अग्रवाल ने बताया कि निजी-सरकारी ब्लड बैंकों को स्टॉक ऑनलाइन अपडेट करने को भी कहा गया है। यह ब्लड बैंक उपलब्ध रक्त अवयव का रिकॉर्ड अलग-अलग अपलोड करेंगे। इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इससे इमरजेंसी में एक ब्लड बैंक से दूसरे ब्लड बैंक में रक्त ट्रांसफर करना आसान होगा।
केजीएमयू ने किया अमल : राजधानी में कुल 27 ब्लड बैंक हैं। इसमें केजीएमयू, पीजीआइ, लोहिया अस्पताल, सिविल, बलरामपुर अस्पताल, कमांड हॉस्पिटल सरकारी हैं। शेष ब्लड बैंक निजी अस्पतालों में खुले हैं। केजीएमयू की ब्लड बैंक ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन की अध्यक्ष डॉ. तूलिका चंद्रा ने कहा कि संस्थान में कोरोना मरीजों को यदि खून की आवश्यकता पड़ती है तो बगैर डोनर खून उपलब्ध कराया जाएगा। अभी तक थैली सीमिया, लावारिस, एचआइवी, कैदी को बगैर डोनर खून दिया जाता रहा।
ब्लड बैंकों को दिया गया फरमान, परिवारजन को न बनाएं डोनर
सवा लाख डोनर बनेंगे सारथी
डॉ. गीता के मुताबिक, विभाग की एसबीटीसीयूपी.ओआरजी.इन पर करीब सवा लाख स्वैच्छिक रक्तदाता दर्ज हैं। सभी ब्लड बैंकों को इनसे संपर्क कर आवश्यकता अनुसार रक्त एकत्रित करने को कहा गया है।
ब्लड कितने दिन सुरक्षित
डॉ. तूलिका चंद्रा के मुताबिक प्लेटलेट्स पांच दिन तक सुरक्षित रहता है। पीआरबीसी 42 दिन तक स्टोरेज की जा सकती है। वहीं प्लाज्मा एक वर्ष तक रखा जा सकता है, लेकिन ब्लड बैंक की क्षमता के अनुसार दो माह तक ही स्टोर रखा जाता है।