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Kamlesh Tiwari Murder Case: कमलेश की हत्या में इस्तेमाल दूसरा चाकू बरामद, एक और संदिग्ध हिरासत में Lucknow News

कमलेश तिवारी हत्याकांड रिमांड खत्म होने पर जेल भेजे गए हत्यारोपित फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया वीडियो फुटेज।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 27 Oct 2019 11:36 AM (IST)Updated: Mon, 28 Oct 2019 08:33 AM (IST)
Kamlesh Tiwari Murder Case: कमलेश की हत्या में इस्तेमाल दूसरा चाकू बरामद, एक और संदिग्ध हिरासत में Lucknow News
Kamlesh Tiwari Murder Case: कमलेश की हत्या में इस्तेमाल दूसरा चाकू बरामद, एक और संदिग्ध हिरासत में Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। हिंदूत्ववादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या में इस्तेमाल दूसरा चाकू भी पुलिस ने शनिवार को बरामद कर दिया। हत्यारोपियों ने 18 अक्टूबर को हत्या करने के बाद चाकू को कमलेश तिवारी के घर से ही कुछ दूरी पर फेंका था। हत्यारोपित अशफाक और मोइनुद्दीन की रिमांड रविवार सुबह समाप्त हो रही है। दोनों को शनिवार देर शाम जेल भेज दिया गया।

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कमलेश तिवारी की हत्या में दो चाकू और एक पिस्टल का इस्तेमाल किया गया था। अशफाक ने एक चाकू से कमलेश तिवारी के गले को काटा था। जबकि इससे पहले पिस्टल से चली एक गोली कमलेश तिवारी के जबड़े से निकलते हुए पीठ में जा फंसी थी। पुलिस की पूछताछ में अशफाक ने बताया कि पिस्टल की गोली फंसने पर मोइनुद्दीन ने भी अपने पास रखी दूसरी चाकू से ताबड़तोड़ वार करना शुरू कर दिया था। अशफाक ने सामने से जबकि मोइनुद्दीन ने पीठ पर वार किया। इस दौरान कमलेश तिवारी ने बचाव के लिए छीना झपटी की कोशिश भी की। जिसमें पिस्टल वहीं गिर गई थी। हत्या करने के बाद जेब में ही दोनों चाकू रखकर निकले। एक चाकू को कमलेश तिवारी के घर के आगे कुछ दूरी पर एक कूड़े के ढेर में फेंक दिया गया था। जबकि दूसरा चाकू पुलिस को खालसा इन होटल के उस कमरे में मिला था। जहां पर अशफाक और मोइनुद्दीन ठहरे हुए थे।

वीडियो से जुटाई जानकारी

हत्या करने से पहले अशफाक ने यू ट्यूब पर चाकू से गला रेतने के कई खाड़ी देशों के वीडियो भी देखे थे। उसे आसिम ने बताया था कि पिस्टल से फायर एकदम सटाकर करना है। आसिम ने सिर पर गोली मारने को कहा था। जबकि घबराहट में गोली सिर की जगह जबड़े में लगी। चाकू हाथ आने के बाद कई दिन तक उसे पकडऩे और चलाने का भी अभ्यास करता रहा।

फॉरेंसिक भेजे गए नमूने 

पुलिस ने शनिवार को बरामद दूसरी चाकू के साथ सभी साक्ष्यों को जांच के लिए फॉरेंसिक भेज दिया है। अशफाक और मोइनुद्दीन के कुर्ते पर लगे खून के निशान से कमलेश तिवारी और दोनों हत्यारोपियों के खून का मिलान किया जाएगा।

मोबाइल बरामदगी की तैयारी

अब तक पुलिस को अशफाक का वह मोबाइल फोन हाथ नहीं लगा है जिसका इस्तेमाल उसने हत्याकांड के बाद से बरेली पहुंचने तक किया था। पुलिस को उस मोबाइल फोन की आखिरी बार अंबाला में लोकेशन मिली थी। जिसे पुलिस को गुमराह करने के लिए वकील नावेद के कहने पर अशफाक ने एक ट्रेन में रख दिया था।

आज से कड़ी जोड़ेगी पुलिस

हत्यारोपियों और इस हत्याकांड में शामिल आरोपियों से अलग अलग पूछताछ, उनका सामना कराकर लिए गए बयान और मिले साक्ष्यों के आधार पर पुलिस अब इस मामले की पूरी कड़ी जोड़ेगी। अशफाक और मोइनुद्दीन को जेल भेज दिया है। जेल में उनको एकांत बैरक में रखा जाएगा।

एटीएस ने एक और संदिग्ध को लिया हिरासत में

एसएसबी और एटीएस ने एक और संदिग्ध को नेपाल जाते समय पकड़ा है। वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का रहने वाला बताया गया है। उसका संबंध कमलेश तिवारी हत्याकांड के आरोपितों से जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि आरोपितों की मदद करने के लिए वह यहां आया था और अब नेपाल जाते समय पकड़ा गया। पुलिस अब तक कमलेश तिवारी की हत्या के आरोपितों के चार मददगारों को उठा चुकी है और उनसे पूछताछ चल रही है। आरोपितों के बार्डर पार कर नेपाल जाने को लेकर एसएसबी व पुलिस की किरकिरी होने के बाद अब दोनों सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी मुस्तैद हो गए है। शनिवार को सुबह करीब 10 बजे पलिया से गौरीफंटा जा रही बस को बीच रास्ते में डिगनिया के पास रोककर उसकी तलाशी ली गई और कश्मीरी जैसे दिखने वाले एक व्यक्ति को बस से उतारकर हिरासत में ले लिया गया।

बहुत रिस्क है, कर पाओगे क्या

 हिंदूत्ववादी नेता कमलेश तिवारी हत्याकांड के साजिशकर्ता आसिम और हत्यारोपी अशफाक को जांच एजेंसियों ने आमने-सामने किया। दोनों ने एक-दूसरे को देखते ही पहचान लिया। आसिम ने जब अशफाक की तरफ देखा तो वह बोल उठा कि यह काम मैने कर दिखाया। दरअसल, जब अशफाक ने कमलेश तिवारी की हत्या के लिए आसिम से चर्चा की थी तो आसिम ने ही कहा था कि इसमें बहुत रिस्क है, क्या तुम कर पाओगे।

तो इसलिए छूटी डिब्बे में रसीद

पूछताछ में हत्यारोपित अशफाक ने बताया कि उसने खुद न जाकर तीन लोगों से सूरत की एक दुकान से मिठाई मंगवायी थी। उन लोगों ने मिठाई उसको सूरत स्टेशन पर लाकर दी। चूंकि ट्रेन छूटने का समय हो गया था और इसी हड़बड़ी में मिठाई में रखी रसीद को वह नहीं देख पाया। उसको लगा कि सिर्फ डिब्बा देखकर यह पता लगाना मुश्किल होगा कि उसे कितने बजे और किसने खरीदा था। बस इसी रसीद से पुलिस ने सुराग लगाना शुरू कर दिया था।

नहीं छोडऩा चाहते थे सबूत

पूछताछ में अशफाक ने कहा कि वह हर हाल में पिस्टल और चाकू को अपने साथ ले जाना चाहता था। जिससे उसकी अंगुलियों के निशान न छूटे। हालांकि जब पिस्टल की गोली फंस गई और वह जमीन पर गिरी तो लगा कि कमलेश तिवारी की हत्या करने में चूक हो जाएगी। इसी कारण उसने दोनों चाकुओं का इस्तेमाल कर ताबड़तोड़ हमले किए। जाते हुए जेब में चाकू इसीलिए रखा था कि रास्ते में यदि कोई हमला करेगा तो उससे बचा जा सकेगा।


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