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ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की बड़ी तैयारी, 80 हजार निगरानी समितियां अलर्ट

Omicron Variant दक्षिण अफ्रीका और बोत्सवाना सहित 12 देशों में अब कोरोना संक्रमण के ओमिक्रोन वैरिएंट के पाए जाने के बाद उत्तर प्रदेश में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 80 हजार निगरानी समितियों को सतर्क कर दिया गया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 12:40 PM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 08:56 AM (IST)
ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की बड़ी तैयारी, 80 हजार निगरानी समितियां अलर्ट
प्रदेश में करीब 80 हजार निगरानी समितियां अलर्ट हैं।

लखनऊ, जेएनएन। दक्षिण अफ्रीका से शुरू होकर अन्य कई देशों पर पहुंचे कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वैरिएंट को केन्द्र के साथ उत्तर प्रदेश सरकार हाई अलर्ट पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर अपनी जोरदार तैयारी भी शुरू कर दी है। यूपी में कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट से बचाव के लिए 80 हजार निगरानी समितियों को अलर्ट कर दिया गया है। यह समितियां बाहर से आ रहे लोगों पर नजर रखेंगी और स्वास्थ्य विभाग को इनके बारे में जानकारी देंगी।

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अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद की ओर से नए वैरिएंट से बचाव के लिए केंद्र द्वारा जारी गाइडलाइन को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर प्रदेश में पूरी सतर्कता बरती जा रही है। जांच व बेड आदि स्वास्थ्य सुविधाएं दुरुस्त हैैं। बाहर से आने वालों का आरटीपीसीआर टेस्ट कराया जा रहा है।

एयरपोर्ट पर दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, चीन व ब्रिटेन सहित 12 देश जहां ओमिक्रोन वैरिएंट मिला है, वहां से आ रहे लोगों की कोरोना की आरटीपीसीआर जांच कराई जा रही है। साथ ही कोरोना की प्रतिदिन की जा रही जांच में भी बढ़ोतरी की गई है। पहले हर दिन डेढ़ लाख लोगों की प्रतिदिन कोरोना जांच की जा रही थी। अब हर दिन ढाई लाख लोगों का कोरोना टेस्ट किया जाएगा। जिलों में बेड व अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं तेजी से बढ़ाने की व्यवस्था की जा रही है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डा. वेदब्रत सिंह ने बताया कि कोरोना जांच के लिए प्रतिदिन अब एक लाख एंटीजन टेस्ट व डेढ़ लाख आरटीपीसीआर टेस्ट किए जाएंगे। स्कूल, विश्वविद्यालय, डिग्री कालेज, आइटीआइ व पालीटेक्निक संस्थानों आदि में फोकस टेस्टिंग अभियान शुरू किया जाएगा। यहां विद्यार्थियों, शिक्षकों व कर्मचारियों की कोरोना जांच कराई जाएगी।

केंद्र द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार ऐसे जिले जहां एयरपोर्ट हैं, वहां विदेशी यात्रियों को क्वारंटाइन करने के लिए एक कोविड अस्पताल तैयार किया जाएगा। विदेश से आ रहे लोगों की कोरोना जांच निगेटिव होने पर भी उन्हें सात दिन होम क्वारंटाइन में रहना होगा। फिर आठवें दिन जांच कराई जाएगी। यह यात्री आगे सात दिन स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में रहेंगे। रिपोर्ट पाजिटिव आने पर मरीज को अस्पताल में भर्ती कर उसका सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा, ताकि ओमिक्रोन वैरिएंट का पता लगाया जा सके। रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) की मदद से मरीजों पर नजर रखी जाएगी। इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर की मदद से हर दिन मरीजों का हालचाल लिया जाएगा। साथ ही अस्पतालों में बेड के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। कोरोना के लेवल टू के अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है। संक्रमण कम होने पर बेड की संख्या कम कर दी गई थी। पहले करीब डेढ़ लाख बेड की व्यवस्था थी।

गांव-गांव में कोविड वैक्सीनेशन पर जोर : देश में सर्वाधिक लोगों को कोरोना की वैक्सीन की डोज देने का रिकार्ड बना चुनी उत्तर प्रदेश सरकार अब गांवों में भी बचे लोगों को पहली डोज देने के लिए टीमें भेज रही है। प्रदेश में अब 25 प्रतिशत लोगों ने कोरोना वैक्सीन की डोज नहीं ली है। प्रदेश में कोरोना से बचाव के लिए चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान में कुल 14.74 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जानी है। अब तक 11.08 करोड़ लोगों ने वैक्सीन की पहली और इसमें से 4.86 करोड़ लोगों ने दोनों डोज लगवाई है। प्रदेश में 25 प्रतिशत लोगों ने अभी भी टीका नहीं लगवाया है। सरकार अब गांव -गांव टीमें भेजकर लोगों को वैक्सीन लगवा रही है।


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