Move to Jagran APP

सुलतानपुर में नींव खोदाई में निकली भारी भरकम तिजोरी, साहूकार के दबे खजाने की कयास से ग्रामीणों में कौतूहल

सुलतानपुर के कोतवाली देहात के मिश्रौली गांव में शुक्रवार की देर शाम पुराने कच्चे मकान पर नींव खोदाई का कार्य किया जा रहा था। खोदाई के दौरान एक पुरानी व भारी भरकम तिजोरी मिली। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस पहुंची जांच पड़ताल में जुटी हुई है।

By Rafiya NazEdited By: Published: Sat, 07 Aug 2021 01:07 PM (IST)Updated: Sat, 07 Aug 2021 03:53 PM (IST)
सुलतानपुर में नींव खोदाई में निकली भारी भरकम तिजोरी, साहूकार के दबे खजाने की कयास से ग्रामीणों में कौतूहल
सुलतानपुर में पुराने घर की नींव खोदाई में निकली पुरानी भारी भरकम तिजोरी।

सुलतानपुर, संवादसूत्र। कोतवाली देहात के मिश्रौली गांव में शुक्रवार की देर शाम पुराने कच्चे मकान पर नींव खोदाई का कार्य किया जा रहा था। खोदाई के दौरान एक पुरानी व भारी भरकम तिजोरी मिली। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस पहुंची जांच पड़ताल में जुटी हुई है।

loksabha election banner

सुभाष चंद्र बरनवाल और उनके चचेरे भाई विनोद बरनवाल का गांव के बीच पुराना पूर्वजों का कच्चा घर है। किसी के न रहने से कच्चा घर मलबे में बदल गया है। उसी स्थान पर विनोद बरनवाल नींव की खोदाई कर आधे हिस्से में काम करा रहे थे। शुक्रवार की देर शाम भाई सुभाष चन्द्र बरनवाल के हिस्से की जमीन में लोहे की पुरानी व भारी भरकम चीज दिखाई दी। गहराई तक खोदकर निकालने पर वह तिजोरी निकली। इसका वजन करीब तीन क्विंटल से ज्यादा बताया जा रहा है। भारी तिजोरी की सूचना जंगल की आग की तरह पूरे गांव में फैल गई और लोग उसको देखने वहां पहुंचने लगे। किसी ग्रामीण ने इसकी जानकारी थाने पर दी तो मौके पर पहुंचकर पुलिस ने तिजोरी को ट्रैक्टर की मदद से निकलवाकर बगल ही सुरक्षित रखवा दिया है। इसको गृह स्वामी व मकान मालिक को अपनी मौजूदगी में खोलने की बात कही है। तिजोरी को लेकर पूरे क्षेत्र मे तरह तरह की चर्चाऐं हो रही है। कुछ लोगों का कहना है कि जिस जगह तिजोरी मिली है वह पुराने साहूकार का घर था, जहां से लोग घर छोड़कर दूसरी जगह रहने चले गए है। उन्ही लोगों की तिजोरी हो सकती है। फिलहाल तिजोरी के अंदर क्या है और यह किसकी है इसकी जानकारी किसी को नहीं है।

लखनऊ में रहते हैं जमीन के मालिक का परिवार: मिश्रौली गांव में स्व रामतीरथ और संतराम बरनवाल का पैतृक कच्चा मकान था । संतराम तीन दशक पहले लखनऊ जाकर रहने लगे। अब वहीं के होकर रह गए हैं। उनके भाई स्व रामतीरथ के दो पुत्र प्रेम चन्द्र और सुभाष चन्द्र हैं। सुभाष भी दियरा में रहते है। वही उनकी ज्वैलरी की दुकान है। लखनऊ में रहने वाले संतराम ने अपने कच्चे मकान की जमीन चचेरे भतीजे विनोद कुमार को दी है, जो नीव खोदकर मकान बनवा रहा है । आधी जमीन प्रेम व सुभाष की है जिसके मलवे मे तिजोरी दबी थी। लोगों का कहना है कि पुराने समय में इनके यहां साहूकारी का व्यवसाय होता था यह उसी समय की तिजोरी है, जो कच्चे घर के गिरने से उसी में दब गई थी । अब तिजोरी के खुलने पर ही इसकी वास्तविकता की जानकारी होगी कि इसमे क्या है और किसका है।

देहात कोतवाल गौरीशंकर पाल ने बताया कि तिजोरी किसी की जमीन खोदाई में मिली है। इसको सुरक्षित रखवाया गया है। उसको खोलने पर पता चलेगा क्या मामला है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.