सीतापुर में पूर्व विधायक के मोबाइल से वाट्सएप ग्रुप पर आपत्तिजनक पोस्ट, ग्रुप से किया गया बाहर
गुरुवार शाम करीब 6 बजे एक न्यूज़ ग्रुप पर बिसवां के पूर्व विधायक रामपाल यादव के मोबाइल से हुई पोस्ट ने सबको हैरान कर दिया। दरअसल मोबाइल से आपत्तिजनक तस्वीरें पोस्ट की गईं थीं। तस्वीरें पोस्ट होते ही लोगों ने इस पर सवाल उठाना शुरू कर दिए।
सीतापुर, जेएनएन। बिसवां के चर्चित पूर्व विधायक रामपाल यादव के मोबाइल से वाट्सएप के एक न्यूज़ ग्रुप पर आपत्तिजनक पोस्ट हुई है। पूर्व विधायक का दावा है कि यह करतूत किसी हैकर की है। बता दें कि गुरुवार शाम करीब 6 बजे एक न्यूज़ ग्रुप पर बिसवां के पूर्व विधायक रामपाल यादव के मोबाइल से हुई पोस्ट ने सबको हैरान कर दिया। दरअसल, मोबाइल से आपत्तिजनक तस्वीरें पोस्ट की गईं थीं। तस्वीरें पोस्ट होते ही लोगों ने इस पर सवाल उठाना शुरू कर दिए। इसके बाद आनन-फानन में पूर्व विधायक रामपाल यादव को ग्रुप से रिमूव कर दिया गया। यही नहीं आपत्तिजनक तस्वीरों के बाद तमाम लोगों ने न्यूज़ ग्रुप को छोड़ दिया।
पूर्व विधायक बोले, दर्ज कराएंगे एफआइआर
इस मामले को लेकर पूर्व विधायक रामपाल यादव का कहना है कि वह लखनऊ से नैमिषारण्य जा रहे थे। इसी दौरान उन्हें फोन पर सूचना मिली। अश्लील तस्वीरों पर पूर्व विधायक ने सफाई देते हुए कहा कि यह किसी हैकर की करतूत है। उन्होंने ऐसी कोई तस्वीर ग्रुप पर नहीं डाली है। पूर्व विधायक ने लखनऊ में होने की बात कहकर गौतम पल्ली थाने में मुकदमा दर्ज कराने की बात भी कही है।
किसान क्रेडिट कार्ड के बहाने बैंक खाते से 40 हजार रुपये निकले
सकरन थाना क्षेत्र के किसान के खाते से संदिग्ध हालत में 40 हजार रुपये निकल गए हैं। पीड़ित किसान ने बैंक के अधिकारियों पर ही धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। वैसे बैंक अधिकारियों का कहना है कि किसान ने खुद ही रुपये निकाले हैं। मामला नरसोहिया निवासी प्रेम चंद्र का है। इनका बैंक खाता सकरन कस्बे की आर्यावर्त बैंक में है। प्रेमचंद का कहना है कि उन्होंने किसान कार्ड बनवाने के लिए अपनी फाइल दो वर्ष पहले 2019 में तारपारा गांव में बैंक मित्र को दी थी। फाइल पर कई जगह पर किसान प्रेमचंद के हस्ताक्षर भी थे। साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड निकासी बाउचर पर भी 40 हजार रुपये की रकम भरकर उससे हस्ताक्षर कराए गए थे।
किसान प्रेम चंद्र का आरोप है कि पूर्व में वह बैंक में अपने किसान क्रेडिट कार्ड बनने के संबंध में जानकारी करने गया था। उससे बैंक कर्मियों ने कहा था कि अभी सर्वर डाउन है काम चल नहीं रहा है। जब किसान क्रेडिट कार्ड बनेंगे तो उसे फोन कर बुलाया जाएगा। कुछ एक महीना बीता और उसे बैंक की तरफ से किसान क्रेडिट कार्ड के संबंध में काेई खबर नहीं मिली तो वह फिर बैंक पहुंच गया। बैंक कर्मियों ने उसे बताया कि आपका किसान क्रेडिट कार्ड बन चुका है और आपने उससे 40 हजार रुपये भी निकाल चुके हैं। प्रेमचंद्र ने कहा, बैंक कर्मियों की यह बात सुनकर वह हैरत में पड़ गया और क्षेत्रीय कार्यालय प्रबंधक बिसवां पहुंचकर इस पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई। प्रेमचंद्र का कहना है कि बैंक अधिकारियों ने धोखाधड़ी से उसके खाते से 40 हजार पार कर दिए हैं। शाखा प्रबंधक अंबिकेश श्रीवास्तव का कहना है कि किसान प्रेमचंद्र ने खुद ही अपने बैंक खाते से पैसे निकाले हैं।