वर्टिकल फार्मिंग में उगी सब्जियों से मिलेगा पोषण, मिलेगा आय का साधन
लखनऊ के माल क्षेत्र के मसीरा रतन गांव की नीलम खुश है। जमीन ना होने के कारण वह चाह कर भी हरी सब्जियां नहीं उगा पाती थी लेकिन अब नीलम खुश है। केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (सीआईएसएच) ने उसके सपने को हकीकत में बदल दिया है।
लखनऊ, जेएनएन। माल की मसीरा रतन गांव की नीलम खुश है। जमीन ना होने के कारण वह चाह कर भी हरी सब्जियां नहीं उगा पाती थी। लेकिन अब नीलम खुश है। केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (सीआईएसएच) ने उसके सपने को हकीकत में बदल दिया है। संस्थान द्वारा वर्टिकल फार्मिंग के लिए दिए गए स्ट्रक्चर से अब पालक, मेथी,सलाद, धनिया जैसी हरी सब्जियां उगा लेती है। इससे घर के भोजन में भी हरी सब्जियां शामिल हो गई हैं।
सीआईएसएच द्वारा अनुसूचित जाति के ऐसे भूमिहीन लोगों के लिए वर्टिकल फार्मिंग की तकनीक मुहैया कराई जा रही है। संस्थान की कोशिश है कि ऐसे लोग जो खेती करना चाहते हैं लेकिन उनके पास जमीन नहीं है वर्टिकल फार्मिंग का सहारा लें। संस्थान द्वारा बीते वर्ष इस योजना की शुरुआत की गई थी। इसके तहत अनुसूचित जाति के बेहद गरीब किसान संस्थान की इस योजना का लाभ उठाकर हरी सब्जियां उगाकर जहां परिवार के लिए पोषण युक्त भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं। वहीं इससे कुछ आय भी अर्जित कर रहे हैं। सीआईएसएच के निदेशक डॉ.शैलेंद्र राजन बताते हैं कि लखनऊ के काकोरी और माल के अनुसूचित जाति के लगभग 40 परिवारों को वर्टिकल फार्मिंग के लिए स्ट्रक्चर उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने बताया कि उद्देश्य यह है कि ऐसे गरीब परिवार जिनके पास जमीन नहीं है,वह अपनी खेती के शौक को पूरा करें। साथ ही उगाई जाने वाली साग-सब्जी को अपने भोजन में शामिल कर सेहतमंद बनें। वहीं उगाई गई अतिरिक्त साग-सब्जी को बेचकर वह कुछ आय भी अर्जित कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि काकोरी ब्लॉक के सराय अलीपुर, दसोई, गोपामऊ, काकराबाद,मौरा, शाहपुर, सराय प्रेमराज, सरसंडा, फतेहगंज और माल के मसीदा हमीर, मसीदा रतन, हसनपुर आदि गांव में अनुसूचित जाति के परिवारों को इससे जोड़ा गया है।
सीआईएसएच के निदेशक डॉ.शैलेंद्र राजन बताते हैं कि लखनऊ के काकोरी और माल के अनुसूचित जाति के लगभग 40 परिवारों को वर्टिकल फार्मिंग के लिए स्ट्रक्चर उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने बताया कि उद्देश्य यह है कि ऐसे गरीब परिवार जिनके पास जमीन नहीं है,वह अपनी खेती के शौक को पूरा करें। साथ ही उगाई जाने वाली साग-सब्जी को अपने भोजन में शामिल कर सेहतमंद बनें। वहीं उगाई गई अतिरिक्त साग-सब्जी को बेचकर वह कुछ आय भी अर्जित कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि काकोरी ब्लॉक के सराय अलीपुर, दसोई, गोपामऊ, काकराबाद,मौरा, शाहपुर, सराय प्रेमराज, सरसंडा, फतेहगंज और माल के मसीदा हमीर, मसीदा रतन, हसनपुर आदि गांव में अनुसूचित इससे जोड़ा गया है। डॉ.राजन बताते हैं कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य लोगों में जागरूकता उत्पन्न करना है जिन अनुसूचित परिवारों को वर्टिकल फार्मिंग के लिए स्ट्रक्चर दिए गए हैं संस्थान उनसे लगातार संपर्क में है। उनकी समस्याओं का निदान कर प्रेरित किया जा रहा है। जो परिवार इसका अच्छा उपयोग कर रहे हैं उन्हें संस्थान आगे भी मदद करेगा।