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सिविल में भी होगा एचआइवी मरीजों का न्यूक्लिक एसिड टेस्ट

सिविल अस्पताल में एचआइवी मरीजों के लिए न्यूक्लिक एसिड टेस्ट (नैट) की सुविधा जल्द शुरू की जाएगी

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 12:14 AM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 12:14 AM (IST)
सिविल में भी होगा एचआइवी मरीजों का न्यूक्लिक एसिड टेस्ट

सिविल अस्पताल में एचआइवी मरीजों के लिए न्यूक्लिक एसिड टेस्ट (नैट) की सुविधा जल्द शुरू की जाएगी। इसके लिए अस्पताल के निदेशक ने केजीएमयू के कुलपति को पत्र लिखकर नमूनों की जांच करने का अनुरोध किया है। मरीजों के नमूने सिविल अस्पताल में ही एकत्र किए जाएंगे। इसके बाद उन्हें जांच के लिए केजीएमयू भेजा जाएगा।

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अभी तक यह सुविधा केजीएमयू, एसजीपीजीआइ व लोहिया संस्थान में ही उपलब्ध है। सिविल अस्पताल में नैट के लिए मरीजों को कोई शुल्क नहीं देना होगा। नमूनों की जांच का भुगतान सिविल अस्पताल एनएचएम फंड से करेगा। यह अत्याधुनिक एचआइवी टेस्ट है। इससे प्राथमिक संक्रमण के दौरान ही एचआइवी का पता चल जाता है। अभी तक अस्पताल में सिर्फ प्रारंभिक जांच ही उपलब्ध है, जिसमें एचआइवी के प्राथमिक संक्रमण का पता नहीं चल पाता। ऐसे में रक्त संक्रमित एड्स होने का खतरा उन मरीजों में बढ़ जाता है, जिन्हें रक्त या रक्त के अवयव चढ़ाए जाते हैं। सिविल अस्पताल की डायरेक्टर डॉ. ज्योत्सना पंत ने बताया कि हमारा लक्ष्य मरीजों को रक्त के शुद्ध अवयव उपलब्ध कराना है। इसलिए केजीएमयू के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग से नैट के नमूने को जांच की अनुमति देने का अनुरोध किया गया है। पैथोलॉजी के डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि न्यूक्लिक एसिड टेस्ट का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि जिन मरीजों को रक्त चढ़ाया जाता है, उनमें रक्त से एड्स संक्रमण का कोई खतरा नहीं रह जाएगा। जरूर कराएं गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण नवजात शिशु देखभाल सप्ताह के अंतर्गत बुधवार को वीरांगना अवंतीबाई महिला चिकित्सालय में प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिका डॉ. सुधा वर्मा व मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डॉ. सीमा श्रीवास्तव द्वारा विभिन्न गतिविधियां संचालित की गई। इसके तहत अस्पताल में आई महिलाओं को जागरूक भी किया गया। उन्हें बताया गया कि गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण कराना बहुत आवश्यक है। गर्भधारण की पहली तिमाही में पंजीकरण कराएं, जिससे कि गर्भवती महिलाओं के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ मिल सके। पूरी गर्भावस्था के दौरान चार बार जांच कराएं। मां को टिटनेस के दो टीके अवश्य लगवाएं। आयरन व फोलिक एसिड दूसरी तिमाही से अवश्य खाएं। इस दौरान चिकित्सालय के बाल रोग विभाग ओपीडी, गभर्वती महिला ओपीडी व पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड आदि में गतिविधियां संचालित की गई। इस अवसर पर बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहित कुमार, डॉ. सलमान खान, डॉ. फैजान, हास्पिटल मैनेजर डॉ. वन्दना मौर्या, हेल्प डेस्क मैनेजर मोहम्मद आसिफ, मैट्रन बिंदेश्वरी देवी व कम्युनिटि हेल्थ आफिसर के ट्रेनी उपस्थित थे।


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