Good News: अब पेट्रोल पंप पर घटतौली की कर सकते हैं खुद जांच, जानिए क्या होगा तरीका
पेट्रोल डीज़ल डलाते ही आप के फोन पर आएगा मैसेज पेट्रोल पंप पर आपको दर्ज कराना होगा अपना मोबाइल नंबर। पेट्रोल पंप पर घटतौली की खुद कर सकते हैं जांच। आपने कब कहां और कितना पेट्रोल या डीजल डलवाया है इसकी जानकारी मिलेगी।
लखनऊ, जेएनएन। अक्सर आप अपने वाहन में पेट्रोल और डीजल को लेकर आशंकित रहते हैं। कभी पेट्रोल और डीजल कम पड़ने की आशंका तो कभी मिलावट को लेकर। लेकिन अब आप इन दोनों चीजों की जांच खुद कर सकते हैं। इंडियन आयल ने ग्राहक सेवाओं में बढ़ोतरी करते हुए कुछ ऐसे कदम उठाए हैं जिनसे पारदर्शिता बढ़े। अब अगर आप पेट्रोल पंप पर जाते हैं तो आपके मोबाइल पर तत्काल एसएमएस आएगा जिसमें पेट्रोल या डीजल डलवाने का पूरा विवरण दर्ज होगा आपने कब कहां और कितना पेट्रोल या डीजल डलवाया है इसकी जानकारी आपको ई रसीद के जरिए मोबाइल फोन पर मिल जाएगी। इसके लिए बस आपको पेट्रोल पंप पर अपना मोबाइल नंबर नाम और वाहन नंबर दर्ज कराना होगा। इंडियन आयल के सभी पंपों पर से ई रसीद हासिल की जा सकती है।
आईओसी के कार्यकारी निदेशक वित्तीय भट्टाचार्य के मुताबिक तमाम बार शिकायतें सुनने को मिलती हैं कि पेट्रोल पंप पर कम तेल डाला गया या किसी पंप के बारे में लोगों को आशंका रहती है की यहाँ पर कम तेल दिया जा रहा है तो वह कभी भी कहीं भी रेंडम तरीके से उसकी जांच करा सकता है। इसके लिए प्रत्येक पेट्रोल पंप पर बाट माप विभाग द्वारा अधिकृत गैलन रखे गए हैं जिनमें पेट्रोल या डीजल लगाकर उसकी सही मात्रा का पता लगाया जा सकता है अगर कोई पेट्रोल पंप संचालक ऐसा करने से मना कर रहा है तो तत्काल इसकी शिकायत की जा सकती है इसके लिए आपको अपने मोबाइल फोन पर इंडियन आयल वन नाम से ऐप अपलोड करना होगा या फिर आप इंडियन ऑयल की वेबसाइट पर जाकर तत्काल उसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं । इंडियन आयल ने लगातार गिर रहे पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए दोपहिया वाहनों को दुरुस्त के लिए एक और प्रयास किया है।
अब इन पंपों पर दुपहिया वाहनों का इंजन आयल भी बदल वाया जा सकेगा। क्विक लुब्रिकेशन चेंजिंग मशीन द्वारा इंजन आयल बदला जाएगा। जिससे पूरी टंकी को साफ करने के बाद उसमें आयल डाला जाएगा। इससे एक तरह से सर्विसिंग भी हो जाएगी। इसके लिए पंप द्वारा केवल इंजन आयल का शुल्क लिया जाएगा बाकी सर्विस का कोई चार्ज नहीं होगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि वाहन सही चले और टेल संरक्षण के साथ पर्यावरण संरक्षण भी किया जा सके ।