अब अफसरों को बंगला छोड़ने से पहले लेना होगा एनओसी
देनदारी कम करने के मकसद से लेना पड़ रहा फैसला।
लखनऊ[जागरण संवाददाता]। बिजली महकमा उन अफसरों पर शिकंजा कसने जा रहा है, जो सुकून से सरकारी बंगलों व फ्लैटों में रहते हैं और स्थानातरण होने पर राज्य संपत्ति विभाग से एनओसी लेकर चले जाते थे। ऐसे लोगों को एनओसी जारी करने से पहले राज्य संपत्ति विभाग को संबंधित डिवीजन के अधिशासी अभियंता से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा। वर्तमान में ओसीआर, बटलर पैलेस सहित कई सरकारी भवनों पर करोड़ों का बकाया है।
मध्याचल के एमडी संजय गोयल ने बताया कि देनदारी कम करने के लिए यह कदम उठाना पड़ रहा है। इसके लिए बिजली विभाग के वरिष्ठ अभियंता जल्द ही राज्य संपत्ति विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करके, इस मसौदे को रखेंगे। इससे देनदारी जहा कम होगी वहीं बिजली विभाग का पैसा समय से मिलने पर थ्रू रेट भी बढ़ेगा। गोयल के मुताबिक, विभाग के लिए अफसर को खोजना संभव नहीं है, इसके लिए राज्य संपत्ति को सहयोग करना होगा। डिवीजन के अधिशासी अभियंता को भी ऐसे लोगों की सूची बनाकर मानीटरिंग करनी होगी।
करोड़ों बकाया
अधिशासी अभियंता के मुताबिक, बटलर पैलेस में रहने वाले पंद्रह से अधिक लोगों पर लाखों का बकाया है। तमाम नोटिस व कनेक्शन काटने के बाद भी बिल पूरा जमा नहीं किया गया। वहीं ओसीआर में चार करोड़ से अधिक का बकाया है। यहा तमाम आश्वासनों के बाद भी पूरा बिल आजतक जमा नहीं हुआ। क्या कहना है निदेशक का ?
मध्याचल के प्रबंध निदेशक संजय गोयल का कहना है कि एनओसी की प्रक्रिया शुरू होने से बिजली महकमे को राहत मिलेगी। एनओसी के दौरान ही बकाया मिल जाया करेगा। इससे देनदारी लंबे समय तक नहीं रहेगी।