Move to Jagran APP

अब प्रथम श्रेणी को ही मिलेगा शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ, मेरिट के आधार पर होगा भुगतान

सामान्य वर्ग के शुल्प्रतिपूर्ति के नियमों में बदलाव। पिछड़ा वर्ग के लिए 50 फीसद अंक अनिवार्य।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Mon, 07 Sep 2020 11:35 AM (IST)Updated: Mon, 07 Sep 2020 11:35 AM (IST)
अब प्रथम श्रेणी को ही मिलेगा शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ, मेरिट के आधार पर होगा भुगतान
अब प्रथम श्रेणी को ही मिलेगा शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ, मेरिट के आधार पर होगा भुगतान

लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। यदि आप सामान्यवर्ग के विद्यार्थी हैं और समाज कल्याण विभाग की ओर से मिलने वाली शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ लेना चाहते हैं तो आपको प्रथम श्रेणी में पास होना होगा। इससे कम अंक मिलने पर शुल्क प्रतिपूर्ति मिलना तो दूर आप आवेदन ही नहीं कर सकेंगे। यही नहीं 60 फीसद की न्यूनतम योग्यता के साथ ही मेरिट के आधार पर शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान किया जाएगा। मेरिट बढ़ भी सकती है।

loksabha election banner

स्नातक में 55 फीसद अंक की अनिवार्यता

बदली नियमावली के तहत स्नातक स्तर के कोर्स में प्रवेश लेकर शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन करने वाले विद्यार्थियों का इंटर में 60 फीसद अंक अनिवार्य है। परास्नातक स्तर के कोर्स में प्रवेश के बाद शुल्क प्रर्तिपूर्ति के लिए आवेदन करने के लिए स्नातक में 55 फीसद अंक अनिवार्य है। वहीं कोरोना संक्रमण के चलते वर्ष 2020-21 में सामान्य वर्ग की छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति का बजट 325 करोड़ रुपये कम करके 500 करोड़ कर दिया है। ऐसे में आवेदन की न्यूनतम अर्हता को बढ़ाकर छात्रों की संख्या में कमी करने करने का प्रयास किया जा रहा है।

पिछड़ा वर्ग के लिए 50 फीसद अंक अनिवार्य

पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में पहले से ही 50 फीसद अंक की अनिवार्यता है। जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी एसपी सिंह ने बताया कि छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए 50 फीसद अंक अनिवार्य है। आवेदन के बाद बजट के आधार पर मेरिट सूची बनती है। वर्ष 2019-20 में तो 67 फीसद तकअंक पाने वाले छात्रों को ही शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान किया जा सका

60 लाख विद्यार्थियों को हर साल होता है भुगतान

अकेले समाज कल्याण विभाग की ओर से हर साल करीब 27 लाख अनुसूचित जाति व जनजाति और सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति व वजीफा दिया जाता है। बेसिक शिक्षा से लेकर इंजीनियरिंग और डाक्टरी की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की फीस शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में दी जाती है। पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक विभाग को मिलाकर प्रदेश के 60 लाख विद्यार्थियोें को हर साल शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति का लाभ मिलता है। शुल्क प्रतिपूर्ति के आवेदन से पहले सभी जिलों के मान्यता प्राप्त विद्यालयों का मास्टर डाटा तैयार किया जाएगा। 30 सितंबर डाटा तैयार करना है।

क्या कहते हैं अधिकारी ?

जिला समाज कल्याण अधिकारी डॉ.अमरनाथ यती के मुताबिक, मेधावियों को शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगातान किया जाएगा जिससे वे आगे की पढ़ाई अच्छी तरीके से कर सकें। संशोधित नियमवली के तहत इंटर में 60 फीसद और स्नातक में 55 फीसद वाले ही आवेदन कर सकेंगे। ऑनलाइन सिस्टम में मजबूत किया गया है। कम अंक वाले आवेदन नहीं कर सकेंगे, ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। आधार कार्ड लिंक बैंक खाता संख्या लगाना होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.