UP बोर्ड परीक्षा में नहीं चलेगा गुरुजी का बीमारी का बहाना, करानी होगी CMO से स्वास्थ्य की जांच
यूपी बोर्ड परीक्षा में किसी प्रिंसिपल या शिक्षक ने अस्वस्थ्य होने का हवाला देते हुए ड्यूटी से इनकार किया तो उन्हें मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) से जांच करवानी होगी। साथ ही उनका चिकित्सा आवेदन भी फॉरवर्ड करवाना होगा।
लखनऊ, जेएनएन। यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं में गुरुजी बीमारी का बहाना नहीं बना सकेंगे। किसी प्रिंसिपल या शिक्षक ने अस्वस्थ्य होने का हवाला देते हुए ड्यूटी से इनकार किया तो उन्हें मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) से जांच करवानी होगी। साथ ही उनका चिकित्सा आवेदन भी फॉरवर्ड करवाना होगा। सीएमओ की ओर से जारी प्रमाण पत्र से ही चिकित्सा अवकाश मान्य होगा। बोर्ड के आदेश पर जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने स्कूलों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
यूपी बोर्ड परीक्षाओं में हर साल करीब 6 हजार शिक्षकों की ड्यूटी कक्ष निरीक्षक और केंद्र व्यवस्थापक के रूप में लगाई जाती है। लेकिन इनमें से 50 फीसद शिक्षक किसी न किसी बहाने से ड्यूटी करने से कतराते हैं। बहुत से शिक्षक बीमारी का हवाला देकर चिकित्सा प्रमाण पत्र देकर छुट्टी ले लेते हैं। इस वजह से परीक्षा केंद्रों पर कक्ष निरीक्षकों की कमी के चलते कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। विगत वर्षों में परीक्षा के दौरान कमरे में मात्र एक-एक शिक्षक के सहारे परीक्षा आयोजित की गई थी। इस बार व्यवस्थाएं दुरुस्त की जा रही हैं। किसी भी शिक्षा किया प्रति प्रिंसिपल ने अस्वस्थ होने का हवाला दिया तो उन्हें सीएमओ से जांच करवा कर प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा, तभी उनकी छुट्टी स्वीकृत की जाएगी।
1650 शिक्षकों का पहुंचा ब्योरा: यूपी बोर्ड परीक्षाएं 24 अप्रैल से शुरू होंगी। इसके लिए लखनऊ में 136 परीक्षा केंद्र तय हो चुके हैं। परीक्षा के लिए कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी लगाने की प्रक्रिया चल रही है। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के मुताबिक अब तक 1650 शिक्षकों की ड्यूटी के लिए विवरण स्कूलों से आ गया है। करीब साडे 4500 शिक्षक माध्यमिक स्कूलों से और करीब 1500 शिक्षक प्राइमरी स्कूलों से ड्यूटी के लिए लगाए जाने हैं।