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अब स्टूडेंट BA के साथ इंजीनियरिंग विषय की भी कर सकेंगे पढ़ाई Lucknow News

लखनऊ विश्वविद्यालय ने सीबीसीएस लागू करने की दिशा में बढ़ाया कदम सभी पाठ्यक्रमों को अपडेट करने का खाका तैयार।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 12 Jan 2020 09:17 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jan 2020 08:35 AM (IST)
अब स्टूडेंट BA के साथ इंजीनियरिंग विषय की भी कर सकेंगे पढ़ाई Lucknow News
अब स्टूडेंट BA के साथ इंजीनियरिंग विषय की भी कर सकेंगे पढ़ाई Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर रहे छात्रों की राह आसान होगी। अब एमए का विद्यार्थी एमटेक का विषय, लॉ के विद्यार्थी विज्ञान का विषय, कैमिस्ट्री का लॉ में और विज्ञान का विद्यार्थी अपनी च्वाइस के अनुसार इंजीनियरिंग से जुड़े विषयों की भी पढ़ाई कर सकेंगे। इससे न सिर्फ प्रदेश, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी। 

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पाठ्यक्रमों में हो रहा बदलाव

दरअसल, लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) लागू करने जा रहा है। इसके लिए विवि में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों के सेलेबस में बदलाव किया जाने लगा है। डीन व विभागाध्यक्षों ने सीबीसीएस सिस्टम के अनुसार सेलेबस की रीस्ट्रक्चरिंग करनी शुरू कर दी है। विवि प्रशासन का दावा है कि मौजूदा समय की मांग के अनुसार सीबीसीएस का लाभ निश्चित तौर पर विद्यार्थियों को मिलेगा।

लविवि का मानना है कि परंपरागत कोर्स के साथ रुचि अनुसार प्रोफेशनल कोर्स के विषयों की पढ़ाई की डिमांड तेजी से बढ़ी है। विश्व के अनेक विश्वविद्यालयों में पहले से चल रहे इस एजूकेशन पैटर्न को लविवि में पहले भी लागू किया गया। मगर खानापूर्ति और तमाम अड़चनों के चलते सीबीसीएस पूरी तरह लागू नहीं किया जा सका। विवि द्वारा इसे पहले पीजी कोर्सों में लागू किया जाएगा। इसके बाद यूजी स्तर पर भी इसे शुरू किया जाएगा। विवि के विभागाध्यक्षों का कहना है कि अब नए सिरे से लागू होने जा रही इस व्यवस्था के तहत कोर्स को छोटे-छोटे भागों में अलग-अलग क्रेडिट बांटा जाएगा। विभागों द्वारा सेलेबस की रीस्ट्रक्चरिंग करते समय इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि उससे संबंधित विषय के प्रति अन्य विभागों के अधिक से अधिक छात्रों की रुचि हो। 

ये है सीबीसीएस 

उदाहरण के तौर पर यदि कोई फिजिक्स का छात्र इलेक्ट्रॉनिक्स या एक्सरे या नैनो में में रुचि रखता है तो सीबीसीएस के तहत उसके पास विकल्प होंगे। इसे डिपार्टमेंटल इलेक्टिव कहा जाएगा। वहीं, ओपेन इलेक्टिव के तहत विद्यार्थी अपनी इच्छानुसार दूसरे विभाग के सब्जेक्ट का चयन कर सकते हैं। जैसे इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के साथ मैंनेजमेंट के विषय की भी पढ़ाई की जा सकेगी।

वैल्य  एडेड कोर्स पर भी जोर

इसके अलावा एनर्जी एनवॉयरनमेंट, जेंडर सेंसटाइजेशन, योगा, हेल्थ हाईजीन, न्यूट्रीशन समेत जानकारीपरक विषयों को वैल्यू एडेड कोर्स के तौर पर शामिल किया जाएगा। 

क्‍या कहते हैं अफसर ? 

लविवि के प्रवक्ता प्रो संजय मेधावी ने बताया कि सीबीसीएस एक बड़ा बदलाव है। इससे निश्चित तौर पर विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। 16 जनवरी को इससे जुड़ी एक महत्वपूर्ण बैठक होगी। 


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